दरअसल, यह मामला राजनगर एक्सटेंशन का है। जहां एक होटल का निर्माण करने के लिए नक्शा पास कराने के लिए जीडीए अधिकारियों पर दबाव डाला जा रहा है। पुलिस को दी गई शिकायत में बताया गया है कि हाल ही में आर्किटेक्ट सनी और गौरव सिंघल ने पोर्टल पर होटल का नक्शा पास कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। नक्शे में तकनीकी खामी पर जीडीए ने आपत्ति लगा दी थी। इसके बाद एक महिला नक्शे को लेकर नगर नियोजक के पास पहुंची तो नगर नियोजक आपत्ति दूर कर फिर से आवेदन के लिए कहा।
यह भी पढ़ें – सुप्रीम कोर्ट के जज और केंद्रीय मंत्री बनकर IAS पर रौब गालिब करना पड़ा महंगा, ऐसे सिखाया सबक डीएम को हुआ शक तो खुली फर्जी जजों की पोल नगर नियोजक के पास फिर एक फोन आया और खुद को दिल्ली हाईकोर्ट का जज बताने वाले नक्शा पास करने की सिफारिश की। उसके दो दिन बाद जीडीए अपर सचिव और मुख्य नगर नियोजक सीपी त्रिपाठी से दिल्ली हाईकोर्ट का जज बताने वाले ने सिफारिश की। वहीं, सोमवार को जीडीए उपाध्यक्ष व जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह से खुद को सुप्रीम कोर्ट का जज बताने वाले ने होटल का नक्शा पास कराने की सिफारिश की। इसके बाद डीएम ने नक्शे को लेकर जीडीए के अन्य अधिकारियों से बात की तो पूरा मामला खुल गया। जांच में पता चला कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के फर्जी जजों का नंबर एक ही है।
यह भी पढ़ें – लड़कियों का हाईवोल्टेज ड्रामा, पुलिस के सामने ही लड़के को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा जल्द ही गिरफ्तार होंगे आरोपी जिलाधिकारी ने इस मामले में नगर नियोजक को तत्काल एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए। जिसके बाद पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई है। डीएम ने बताया कि जालसाज खुद को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट का जज बताकर नक्शा पास कराने का प्रयास कर रहे हैं। पुलिस को जांच के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के भी आदेश दिए हैं।