नोएडा जोन के एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि ये लोग फर्जी कॉल सेंटर के मध्यम से अमेरिकी के नागरिकों को इंटरनेट कॉलिंग करके अमेरिकी सोशल सिक्योरिटी के नाम पर धमकाते थे। ये लोग उनसे कहते थे कि हमें अमेरिकी कानूनी एजेंसियों से आपके बैंक खाते की जानकारी मिली है। आपने मेक्सिको और कोलंबिया में ड्रग माफिया से लेनदेन किया है। इसके बाद उनका मामला रफा-दफा करने की कहते थे और गूगल गिफ्ट कार्ड के रूप में डॉलर वसूल लेते थे।
यह भी पढ़ें- गाजियाबाद के पॉश इलाके में घूमता दिखा तेंदुआ, सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद लोगों में दहशत रोजाना चार हजार डालर ठगते थे रणविजय सिंह ने बताया की सेंटर का मुख्य संचालक और मास्टरमाइंड पन्ना मध्य प्रदेश निवासी विनोद लखेरा अभी फरार है। पुलिस उसको तलाश कर रही है। कॉल सेंटर रात में चलता था और इनके निशाने पर खासतौर पर अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के नागरिक होते थे। गिरोह का सरगना अमेरिका के वेंडरों से जुड़ा था। वेंडर डार्क वेब से अमेरिका के नागरिकों का डाटा प्राप्त करते थे। इसके लिए ये लोग टोल फ्री नंबर का इस्तेमाल करते थे। इनकी एक दिन की कमाई लगभग 3-4 हजार डॉलर थी, जो भारतीय मुद्रा का लगभग 2.5 से 3 लाख रुपये होता है। आठों आरोपी हर दिन अलग-अलग पचास लोगों से बातचीत करते थे। प्रति व्यक्ति करीब 100 डॉलर मांगे जाते थे, जो आसानी से मिल जाते थे।
अब तक सात करोड़ की ठगी आरोपी डरा धमकाकर अब तक विदेशी लोगों से सात करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके हैं। पुलिस ने आरोपियों से इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस, 99 लेटर पैड, 41 दस्तावेज और छह मोबाइल फोन बरामद किए हैं। पुलिस कि गिरफ्त में आए आरोपियों के नाम सुमित त्यागी, अरुण चौहान, विशाल तोमर, राहत अली, केशव त्यागी, सुनील वर्मा, प्रशांत लखेरा और सतेंद्र लखेरा हैं, जो सेक्टर-62 स्थित आईथम टावर में एपी टैक्नोमार्ट के नाम से अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे।