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गरीबों के घर भी जमकर मनाई जाती है खुशी
ईद एक ऐसा त्योहार है जिस दिन अमीरों के साथ ही गरीबों के घर भी जमकर खुशियां मनाई जाती है। दरअसल, रमजान के महीने में अमीर मुसलमान अपनी जरूरत से ज्यादा धन का 2.5 प्रतिशत जकात के तौर पर गरीबों में बांटते हैं। वहीं, ईद की नमाज से पहले हर मुसलमान के नाम से पौने दो किलो गेंहू या उसके मूल्य के बराबर रुपए दान देना वाजिब है। लिहाजा, अमीरों की ओर से बंटने वाले जकात और सदके की वजह से गरीबों के घर में भी अच्छी-खासी रकम पहुंच जाती है। यही वजह है कि ईद के दिन अमीरों के साथ ही गरीबों के घर में भी खुशी का माहौल होता है।
ऐसे मनाते हैं ईद
इस्लामिक कैलेंडर के 9वें महीने यानी रमजान के पूरे महीने का रोजा रखने के बाद 10वें महीने यानी सव्वाल का चांद दिखने के बाद सव्वाल महीने की पहली तारीख को ईद मनाई जाती है। ईद के दिन सभी मुसलमान सुबह सवेरे सबसे पहले नहा-धोकर पाक होते हैं। इसके बाद नए कपड़े पहनकर औज खूशबू लगाते हैं। फिर कुछ भी मीठा खाकर ईद की नमाज के लिए ईदगाह या फिर मस्जिद जाते हैं। यहां सभी अमीर-गरीब सभी एक सफ में खड़े होकर कंधे से कंधा मिलाकर ईद की नमाज अदा करते हैं। ईद की नमाज अदा करने के बाद सभी एक दूसरे के गिले-शिकवे को भुलाकर गले लगकर ईद की मुबारकबाद देते हैं। इसके बाद दोस्तों और रिश्तेदारों को घरों में बुलाने और फिर सेवई व शीर खोरमा खाने खिलाने का दौर चलता है। इस दौरान बड़े बच्चों को ईदी के तौर पर पैसे और तोहफे देते हैं। ईदी पाकर बच्चों की खुशी देखने लायक होती है। ईद वाले दिन भाई अपने बहन के यहां ईदी लेकर भी जाते हैं।