गाज़ियाबाद

मई से शुरू हो सकता है भारत का सबसे बढिया एक्सप्रेस वे, 120 की स्पीड से दौड़ेंगी गाड़ियां

 गाजियाबाद में दो हफ्ते में पूरा हो जाएगा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे का काम, पीएमओ भेजी गई रिपोर्ट
 

गाज़ियाबादMar 03, 2018 / 05:00 pm

Iftekhar

गाजियाबाद। भारत के सबसे तेज गतिवाले एक्सप्रेस वे का काम अंतिम दौर में चल रहा है। संभावना है कि मई से इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाए। 135 किलोमीटर लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे के काम पर सीधे तौर पर पीएमओ की निगरानी है। इसके चलते बचे हुए काम को जल्द से जल्द पूरा किया जा रहा है। राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक्सप्रेस वे का सफर 24.5 किलोमीटर का है। यहां पर दो हफ्ते के भीतर काम को निबटा लिया जाएगा। गाजियाबाद जिला प्रशासन की तरफ से एक्सप्रेस वे की अपडेट प्रोजेक्ट रिपोर्ट पीएमओ को भेजी गई है। रिपोर्ट में 15 मार्च तक काम के पूरा किए जाने की बात की गई है। ऐसे में उम्मीद है कि काम के पूरा होते ही जल्द ही इसे जनता के लिए खोल दिया जाए। ईस्टर्न पेरिफेरल के लिए 5900 करोड़ रुपये तो सिर्फ जमीन के अधिग्रहण के लिए दिए गए हैं जबकि निर्माण पर 4418 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।
गाजियाबाद में यहां से होगी एंट्री

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पर गाजियाबाद में बागपत के खेकड़ा से प्रवेश करेगा। हिंडन के पास बींग गांव से रेवड़ी रेवड़ा, मिलक चालकपुर, भिक्कनपुर, मिलक सैंथली, दुहाई, कनौजा, मटियाला, सिकरोड़, डासना देहात आदि से यह गौतमबुद्ध नगर में प्रवेश करेगा। 15 मार्च तक दुहाई से सोनीपत तक एक्सप्रेस वे का काम पूरा कर लिया जाएगा। अन्य स्थानों पर चल रहा काम भी 90 फीसदी तक हो चुका। यह कार्य भी अप्रैल तक पूरा होने की बात कही जा रही है। सूत्रों ने बताया कि परियोजना के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का विवाद हो गया था। पीएमओ ने भूमि से जुड़े सभी विवाद का निस्तारण करने का आदेश दिया। जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी की आर्बिट्रेशन कोर्ट में फाइलें निपटाई जा रही हैं।16 गांव के किसान बढ़े मुआवजे की मांग को लेकर लामबंद हो गए थे। इस पर जिलाधिकारी ने किसानों से वार्ता कर उनकी मांग पूरी कराईं।
120 किलोमीटर रहेगी अधिकतम स्पीड

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ऐलान किया था कि देश में अब जितने भी एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे उनपर चलने वाले वाहनों की गति कम से कम 20 कि.मी प्रति घंटा बढ़ा दी जाएगी। गौर हो तो नोएडा-ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे समेत देश के अन्य एक्सप्रेसवे पर हल्के वाहनों की गति 100 और भारी वाहनों की 60 की.मी प्रति घंटा है। वहीं जल्द ही बनकर तैयार होने वाले 135 की.मी लंबे इस ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर वाहनों की अधिकतम गति 120 कि.मी कर दी जाएगी।
 

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200 साल तक नहीं होंगे गड्ढे

ईस्टर्न पेरिफेरल के लिए 5900 करोड़ रुपये जमीन के अधिग्रहण के लिए दिए गए हैं, जबकि निर्माण पर 4418 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। इसके निर्माण के बाद यूपी और हरियाणा होते हुए आने-जाने वाले वाहनों को दिल्ली आने की जरूरत ही नहीं होगी। यह पूरा एक्सप्रेसवे सीमेंट कंक्रीट से बनाया जा रहा है बन रहा है लेकिन यमुना एक्सप्रेसवे की तरह यहां गाड़ियों के टायर गर्म होकर न फटें इसके लिए सड़क पर तारकोल की एक परत चढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा कहा गया है कि इस एक्सप्रेसवे पर अगले 200 सालों तक गड्ढे नहीं होंगे।
 

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एसडीएम सदर का कहना
एसडीएम सदर प्रेम रंजन सिंह ने बताया कि दुहाई से सोनीपत तक का कार्य 15 मार्च तक पूरा हो जाएगा। अन्य स्थानों पर चल रहा कार्य 90 फीसदी तक हो गया है। यह जानकारी आला अधिकारियों को दे दी गई है।
 

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