इसके साथ ही डीजीपी ने इस घटना की जांच के लिए लखनऊ के आईजी के नेतृत्व में SIT की जांच टीम गठित कर दी है। इस जांच टीम में तीन सदस्य होंगे। लखनऊ के आईजी के अलावा लखनऊ के एसपी क्राइम और एसपी देहात इस SIT जांच टीम के दो अन्य सदस्य होंगे। एसआईटी की ये टीम एप्पल के सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या की जांच रिपोर्ट एडीजी कानून व्यवस्था को सौंपेंगे।
इस बीच अपने पति की हत्या का दंश झेल रही विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी ने सरकार से एक करोड़ रुपए के मुआवजे के साथ ही पुलिस विभाग में सरकारी नौकरी की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर घटना की सीबीआई जांच कराने की भी मांग की है। मृतक विवेक की पत्नी की मांग पर सीएम योगी ने कहा है कि यह एनकाउंटर नहीं था। उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच की जाएगी। अगर जरूरी लगा तो सीबीआई जांच के भी आदेश दिए जाएंगे।
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वहीं, इस मामले में एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने कहा कि पोस्टपार्टम रिपोर्ट में यह साफ हो गया है कि विवेक तिवारी की गोली लगने से मौत हुई है। उनकी दाढ़ी के बाई तरफ गाली लगी हुई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मृतक के विसरा को सुरक्षित रख लिया गया है। वहीं, मृतक के चाचा जोकि खुद भी पुलिस विभाग में इस्पेक्टर की नौकरी कर चुके हैं, उन्होंने कहा है कि यह पुरी तरह से हत्या का मामला है। पुलिस कभी भी इस सरह गर्दन के ऊपर गोली नहीं मारती है।
हालांकि, आरोपी पुलिस कॉन्सटेबल प्रशांत चौधरी का कहना है कि उन्होंने गोली नहीं चलाई थी। विवेक को धोके से गोली लगी है, क्योंकि मृतक विवेक ने तीन बार उनके उपर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया था। इसके साथ ही उसने अपनी एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की है। हालांकि, अभी तक उसकी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। 12 घंटे बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं होने से झल्लाए आरोपी पुलिस वाले की पत्नी ने कहा कि क्या मेरी जान की कोई कीमत नहीं है। उसने कहा कि खुद मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमारा केस दर्ज नहीं होगा।