गाज़ियाबाद

7 गो तस्करों का एक साथ एनकाउंटर कर सस्पेंड हुए दरोगा बोले- एसएसपी बुलाएंगे तो आएंगे, एसपी पर भरोसा नहीं

लोनी बॉर्डर के पूर्व थानाध्यक्ष राजेंद्र त्यागी का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं। इंस्पेक्टर ने निलंबित किए जाने के बाद व्हाट्सएप पर गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को एक मैसेज भेजा है, जिसमें कहा गया है कि यदि एसएसपी बुलाएंगे तो वह वापस आएंगे और उनका हर आदेश मानने को तैयार हैं।

गाज़ियाबादNov 18, 2021 / 03:50 pm

lokesh verma

गाजियाबाद. लोनी बॉर्डर के पूर्व थानाध्यक्ष राजेंद्र त्यागी का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं। इंस्पेक्टर ने निलंबित किए जाने के बाद व्हाट्सएप पर गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को एक मैसेज भेजा है, जिसमें कहा गया है कि यदि एसएसपी बुलाएंगे तो वह वापस आएंगे और उनका हर आदेश मानने को तैयार हैं। जबकि राजेंद्र त्यागी ने एसपी देहात पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि उन पर किसी तरह का कोई भरोसा नहीं है।
बता दें कि लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र में छठ पर्व के दौरान पुलिस और गो तस्करों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान पुलिस ने 7 गो तस्करों को घायल होने के बाद गिरफ्तार किया था। इस मुठभेड़ के बाद अचानक लोनी बॉर्डर थाना अध्यक्ष राजेंद्र त्यागी का तबादला कर दिया गया। यह बात इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी को नागवार गुजरी और उन्होंने जीडी में तस्करा डालकर कहा कि उन्होंने अपनी जान पर खेलकर सात गौ तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारियों को इस कार्य की सराहना की जानी चाहिए थी, लेकिन उनके काम की सराहना न करते हुए उल्टा उनका तबादला कर दिया गया।
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वायरल हुआ था तस्करा

उन्होंने कहा कि इससे उनका मनोबल टूट चुका है और वह कुछ दिन के लिए कार्य मुक्ति चाहते हैं। इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी ने जीडी में तस्करा डालने के बाद एसएसआई को चार्ज दे दिया, लेकिन इंस्पेक्टर का लिखा तस्करा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार ने अनुशासनहीनता मानते हुए राजेंद्र त्यागी को निलंबित कर दिया। उधर, इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी के पक्ष में क्षेत्रीय भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर भी आ गए। विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने उस मुठभेड़ को सही करार देते हुए पुलिस के आला अधिकारियों समेत एसएसपी और भी तमाम सवाल खड़े कर दिए। भाजपा विधायक ने कहा कि एसएसपी ने खुद को बचाने के लिए इंस्पेक्टर को निलंबित किया है।
गोकशी के साथ दंगा भड़काने की साजिश थी

जबकि, इंस्पेक्टर ने कहा है कि एसएसपी पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से राजनीतिक हैं। उन्होंने गो तस्करों को एसएसपी का संरक्षण मिलने से साफ तौर पर इंकार किया है। इंस्पेक्टर ने कहा है कि जिस दिन गौ तस्करों के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई थी। उस दिन छठ का पर्व था। इस दिन गोकशी कर दंगा भड़काने की साजिश थी। इंस्पेक्टर का कहना है कि एसएसपी ने उनसे पूछा था कि मुठभेड़ की जानकारी एसपी देहात को दी गई थी या नहीं। इस पर उन्होंने कहा कि मुठभेड़ के बाद बताया था। जबकि मौके से वायरलेस सेट पर सूचना प्रसारित की जा रही थी।
विधायक के हर सवाल का देंगे जवाब

गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार का कहना है कि पुलिस की नौकरी अनुशासित नौकरी होती है, इसमें कोई शर्त या कंडीशन नहीं है कि इंस्पेक्टर सिर्फ मेरे बुलाने पर आएंगे और अपने तत्कालिक अधिकारी एसपी देहात के बुलावे पर नहीं जाएंगे। इस तरह की अनुशासनहीनता कोई भी करेगा तो सरकार उस पर कार्रवाई अवश्य करेगी। उन्होंने कहा कि विधायक का पत्र अभी नहीं मिला है। उनके हर सवाल का भी पूरा जवाब दिया जाएगा।
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