गाज़ियाबाद

यूपी के इस जर्जर सरकारी स्कूल में पढ़ने को मजबूर हैं नौनिहाल, कभी भी हो सकता है हादसा

25 सालों से नहीं ली किसी ने जर्जर विद्यालय की सुध। अब हो रही खानापूर्ति।

गाज़ियाबादJul 04, 2018 / 06:52 pm

Rahul Chauhan

यूपी के इस जर्जर सरकारी स्कूल में पढ़ने को मजबूर हैं नौनिहाल, कभी भी हो सकता है हादसा

हापुड़। केंद्र और यूपी सरकार शिक्षा को बेहतर करने के लाख दावे कर रही है और करोड़ों रूपये भी खर्च कर रही है, लेकिन अभी भी सरकारी स्कूलों की हालत में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है। यूपी के जनपद हापुड़ में एक ऐसा ही प्राथमिक विद्यालय है, जिसमें करीब 106 छात्र व छात्राएं मौत के मुंह में पढ़ने को मजबूर हैं, क्योंकि मासूम बच्चे विद्यालय की जर्जर हालत को देखते हुए कक्षाओं के बाहर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं।
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पिछले 25 साल में कई सरकारें और दर्जनों अधिकारी भी बदल गए, लेकिन अभी तक उस विद्यालय की हालत में कोई सुधार नहीं आया है। 25 सालों से लगातार शिकायत करने के बाद भी आज तक जर्जर स्कूल और क्लासों की हालत को सही नहीं कराया गया। 25 साल हो गए और आज भी स्कूल में सैकड़ों मासूम मौत के मुंह में पढ़ाई कर रहे हैं। विद्यालय की हालत आज भी ऐसी है कि किसी भी समय कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है।
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अधिकारियों की मनमानी के चलते आज भी 106 बच्चे खुली छत के नीचे पढ़ने के लिए मजबूर हैं। लापरवाही के कारण ही अधिकारी भी इन मासूमों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। इसलिए तो 25 सालों से हो रही शिकायतों का आज तक किसी भी अधिकारी ने कोई संज्ञान नहीं लिया। जिसके चलते आज भी मासूम छात्रों में डर का माहौल बना हुआ है। छात्रों ने बताया कि आज तक कोई भी अधिकारी विद्यालय में कुछ चैक करने नहीं आया है। बरसात में विद्यालय में पानी भी भर जाता है, जिस कारण हमें बाहर बैठकर पढ़ना पड़ता है।
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आपको बता दें कि शहर के हमीद कन्या प्राथमिक पाठशाला में 106 छात्र हैं। सभी छात्र मौत के डर के साये में पढ़ने को मजबूर हैं। भवन के कमरों की छत की हालत जर्जर है। ये छतें कभी भी ढह सकती हैं। यही नहीं, जर्जर छत को छिपाने के लिए रंगाई-पुताई भी कराई गई है। फिर भी हालत छिपाए नहीं छिप रही। जब हमारी टीम ने पाठशाला में जाकर देख तो हैरान कर देने वाला सच सामने आया।
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करीब 106 छात्र अपनी क्लासों के बाहर धूप में बैठ कर पढ़ रहे थे। जिनको पीने तक के लिए पानी भी नहीं था। जब इस बारे में शिक्षकों से पूछा गया तो शिक्षकों ने बता कि पाठशाला की जर्जर हालत के बारे में विभाग को कई बार बताया जा चुका है। लेकिन अभी तक विभाग द्वारा कोई पहल नहीं की गई है, जिससे मजबूरन हमें बच्चों को जर्जर छत के नीचे बैठाकर पढ़ाना पड़ रहा है। जब इस बारे में शिक्षा विभाग के अधिकारी एबीएसए शरद से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि मामला बीएसए के संज्ञान में है जैसे ही उनका आदेश आएगा हम बच्चों को शिफ्ट करा देंगे।

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