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उत्तर प्रदेश में अब सिर्फ 25 लोगों की मौजूदगी में होगी शादी, संकट: यूपी में बढ़ रहा ब्लैक फंगस का कहर आपको बताते चलें कि गाजियाबाद की पॉश कॉलोनी आरडीसी इलाके में स्थित एक निजी अस्पताल में कई कोविड-19 संक्रमित लोगों का उपचार चल रहा है। इनमें से 11 मरीज ऐसे हैं जो कोरोना की जंग तो जीत गए। लेकिन अब उनके अंदर ब्लैक फंगस के लक्षण पाए गए हैं फिलहाल सभी का उपचार जारी है। ईएनटी अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर बृजपाल त्यागी ने बताया कि जो लोग शुगर केंसर या अन्य गम्भीर बीमारी से पीड़ित संक्रमित हो जाते हैं ऐसे मरीज उपचार के बाद कोविड-19 से तो ठीक हो जाते हैं। लेकिन उन्हें ब्लैक फंगस का खतरा बन जाता है। यहां पर भी 11 मरीज ऐसे हैं, जिन्होंने कोरोना की जंग तो जीत ली लेकिन उन्हें ब्लैक फंगस ने अपनी चपेट में ले लिया है। उनका अभी भी उपचार जारी है। यह भी पढ़ें
यूपी में अगले तीन महीनों तक मिलेगा मुफ्त राशन, योगी सरकार ने जारी किया आदेश उन्होंने बताया कि इसके शुरुआती लक्षण नाक में पानी आना, सर में दर्द होना है। कोरोना वायरस के मुकाबले ब्लैक फंगस की मृत्युुु दर बहुत ज्यादा है,100 मरीज में से सिर्फ पांच ही बच पाते हैं। इस बीमारी केे लिए खास इंजेक्शन इंजेक्शन इंफोटेरिसिन बी की आवश्यकता होती है और अब यह भी रेमदेसीविर इंजेक्शन की तरह नहीं मिल पा रहा है। सरकार को इस पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीज के परिजनों ने बताया कि वह ब्लैक फंगस की बीमारी में फंसे हैं। उन्हें डॉक्टर के द्वारा लिखा गया है कि इन्फोटेरिसिन इंजेक्शन गाजियाबाद में कहीं नहीं मिला है। उन्हें यहां समस्या हुई तो दिल्ली के सफदरगंज में घंटों लाइन में लगने के बाद यह इजेक्शन मिला है। हमारे मरीजों को कोविड हुआ था। उसके बाद हम इस अस्पताल में लेकर आये हैं।