गजियाबाद।महात्मा गांधी के सपने को सच्च करने के लिए दिन रात एक कर स्वच्छ भारत मिशन शुरू करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस मिशन में अब घोटाले की बू आने लगी है। यूपी के इस जिले के एक पार्षद ने ही इससे पर्दा उठाने का दावा किया है। उन्होंने गाजियाबाद में टॉयलेट बनाने के नाम पर करोड़ो रुपये का घोटाला किये जाने का दावा किया है। जिसमें टॉयलेट का निर्माण बिना नींव बनाए किया गया है।इसके अलावा पुरानी ईटों को टॉयलेट की दीवार बनाने में इस्तेमाल किया गया है।भाजपा पार्षद का दावा है कि वो टॉयलेट के हर पहलू की अपने स्तर पर पड़ताल कर रहे हैं। संभावना है कि घोटाले का ये आंकड़ा और भी बड़ा हो सकता है।
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100 टॉयलेट में आई पौने पांच करोड़ की लागत
जनपद को ओडीएफ घोषित किए जाने के लिए नगर निगम की तरफ से 100 टॉयलेट का निर्माण कराया गया है। इनमें कई जगहों पर एक साथ पांच फ्लश लगाए गए है। एक टॉयलेट के बनने पर चार लाख 75 हजार रुपये खर्च किया गया है। शहर में ये राजनगर, कविनगर, कचहरी, नवयुग मार्केट, लोहियानगर, गांधीनगर समेत ट्रांस हिंडन के अन्य इलाकों में बनाए गए है। इस हिसाब से करीब चार करोड़ 75 लाख रूपये का बजट निगम के हिसाब से लगाया गया है। जबकि इसमें आधी से भी कम कीमत का माल लगा है।
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डस्टबिन के नाम पर हुआ था दो करोड़ का घोटाला
नगर निगम में इससे पहले मेयर आशु वर्मा के कार्यकाल के दौरान डस्टबिन घोटाला हुआ था। उस समय 2200 डस्टबिन को शहर में जगह जगह पर लगाया गया था। एक डस्टबिन 9 हजार रुपये का बताया गया था। वास्तविकता में इसकी कीमत 1900 व 2300 रुपये से अधिक नहीं आई थी। इस मामले में कंपनी का पेमेंट भी विवाद में आने के बाद में रोका गया था।
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टॉयलेट में ऐसे बरती गई है लापरवाही
भाजपा के पार्षद हिमांशु मित्तल के मुताबिक टॉयलेट बनाए जाने में जमकर अनदेखी की गई है। पहले तो एक कमरे के निर्माण पर जितनी लागत आती है, उतनी लागत में एक टायलेट बनाया गया है। निर्माण के लिए एक तय लिमिट की नींव तैयार की जानी थी। जिससे इसकी दीवारे लंबे समय तक चल सके। लेकिन ठेकेदारों ने अपने कमीशन के लिए ऐसा नहीं किया उल्टा पुरानी ईटों को लगाकर और बिना नींव के ही टाॅयलेटों को बनाकर तैयार कर दिया। इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन लगी स्टेनलेस स्टील (एसएस) 302 की शीट य़हां लगनी थी। जिसकी कीमत 75000 हजार है। लेकिन यहां पर 202 की शीट लगाई है। जो इसकी आधी कीमत वाली है।
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सदन में उठाया जाएगा मुद्दा
कविनगर से पार्षद हिमांशु मित्तल के मुताबिक स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए। इन सभी टॉयलेट की गुणवत्ता, लगाए गए सामान की वो अपने स्तर पर खुद पड़ताल कर रहे है। निगम के बिल और बाहरी कीमत के हिसाब से इसका आंकलन किया जा रहा है। जल्द ही इन सभी तथ्यों को एकजुट करके सदन में इस घोटाले को रखा जाएगा।
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पांच मामलों की पहले ही चल रही है विजिलेंस जांच
घोटाले के गढ बन चुके गाजियाबाद नगर निगम में तमाम कोशिशों के बावजूद नए घोटाले सामने आ रहे है। जबकि पार्षद हिमांशु मित्तल की शिकायत पर योगी सरकार की विजिलेंस टीम पांच घोटालों की जांच कर रही है। इनमें डस्टबिन,ट्रेक्टर,कम्प्यूटर और सोलर लाइट समेत एक अन्य मामला शामिल है। हफ्तेभर पहले ही इसके संबंध में विजिलेंस टीम गाजियाबाद आई थी।