गाजियाबाद. यूं तो कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलती है, लेकिन जमीनी हालात बिल्कुल ही इससे अलग है। इसी भ्रष्टाचार को लेकर लोनी नगर पालिका विवादों में फंसती नजर आ रही है। जहां क्षेत्रीय जनता ने नगर पालिका प्रशासन पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए बताया कि लोनी नगर पालिका में बार-बार डस्टबिन के रूप में कमीशन खोरी का खेल चल रहा है। यहां लोगों का मानना है कि पहले लोहे के डस्टबिन लोनी क्षेत्र में लगाए गए थे। इसके बाद अब उसे हटाकर प्लास्टिक के डस्टबिन लगाए गए हैं। फिर बाल्टी नुमा प्लास्टिक के डस्टबिन लगाए गए। उसके बाद अब स्टील के डस्टबिन लोनी में जगह-जगह लगाए जा रहे हैं। ऐसे में यह बड़ा सवाल उठना लाजमी है कि क्या मौसम के हिसाब से डस्टबिनओं का फैशन बदल रहा है या किसी कंपनी से सांठगांठ कर कूड़ेदान के नाम पर लाखों रुपए का खेल खेला जा रहा है।
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दरअसल, यह पहला मामला नहीं है, जब सफाई इंस्ट्रूमेंट्स के रूप में लोनी नगर पालिका कमीशन खोरी का खेल खेल रही है। इससे पहले स्विपिंग मशीन को लेकर भी नगरपालिका अधिशासी अधिकारी पर सवाल उठते हैं। वहीं, इस मामले में लोनी उप जिलाधिकारी ने अधिशासी अधिकारी शालिनी गुप्ता को लिखित में जवाब मांगा है, जबकि लोगों का मानना है कि अगर कूड़ेदान अपनी जगह पर रखे हुए टूटते या खराब होते हैं तो वह हटाकर वापस नगर पालिका के कैंप कार्यालय के भंडार में कैसे पहुंचाते हैं।