गाज़ियाबाद

मदन भैया: वो बाहुबली जिसके हमलावरों को उसके गांववालों ने दरातियों से काट डाला था

Madan Bhaiya: बाहुबलियों की बात होती है तो अक्सर पूर्वांचल का जिक्र होता है। लेकिन पश्चिम में मदन भैया ऐसा नाम हैं, जिनकी चर्चा अक्सर होती है।

गाज़ियाबादMar 10, 2023 / 04:50 pm

Rizwan Pundeer

चुनावी सभा में विधायक मदन भैया

प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद का नाम सामने आने के बाद बाहुबलियों की राजनीति चर्चा में है। बाहुबलियों की बात होती है तो अक्सर पूर्वांचल के नेताओं का ही नाम आता है। हालांकि पश्चिम में भी कुछ ऐसे नाम हैं, जिनका तगड़ा दबदबा रहा है। इन्हीं में एक नाम मदन भैया का भी है।

जेल से दर्ज की थी पहली जीत
गाजियाबाद में गुर्जरों का बड़ा गांव हैं जावली। इसी गांव के रहने वाले हैं मुजफ्फरनगर के खतौली से मौजूदा विधायक मदन सिंह कसाना। जिनको मदन भैया के नाम से जाना जाता है।
बालों कों हमेशा लाल रंगकर रखने वाले मदन भैया की राजनीति में भी कम रंग नहीं हैं। राजनीति में उनकी छवि बाहुबली की है तो अपने गांव में रॉबिनहुड की। मदन भैया यूपी के उन गिने चुने नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने अपना चुनाव जेल में रहते हुए निर्दलीय जीत लिया था।

जेल से जीता था चुनाव
मदन भैया का नाम कॉलेज के वक्त से ही कई तरह के अपराधों में जुड़ने लगा था। ऐसे में उनको जेल जाना पड़ा। मदन भैया जेल में थे तभी 1989 का विधानसभा चुनाव आया। जावली गांव उस वक्त खेकड़ा विधानसभा में आता था। मदन भैया ये चुनाव 2477 वोटों से हारे।
मदन भैया 1991 में भी जेल में ही थे। एक बार फिर निर्दलीय लड़े और जीते। इसके बाद 2012 तक चार बार वो खेकड़ा से विधायक रहे। निर्दलीय जीतने के बाद उनको पहले सपा और फिर राष्ट्रीय लोकदल का साथ मिला। अभी भी वो लोकदल के विधायक हैं। अब बात मदन भैया पर चल रहे मुकदमों और उन पर हमले की भी कर लेते हैं।


जब मदन भैया पर उनके फार्म हाउस में हुआ हमला
मदन भैया पर सितंबर 2001 में, उनके गांव जावली के फार्म हाउस में हमला हुआ था। 4 हमलावरों ने उनको फार्म हाउस में घुसकर मारने की कोशिश की। मदन भैया इस हमले में बच गए लेकिन गोलियों की आवाज सुनते ही गांव के लोग जुट गए।
जावली गांव में ये अफवाह फैल गई कि मदन भैया की हत्या हो गई है। खबर फैली तो लोगों ने खेती में इस्तेमाल होने वाले हथियारों और लाठी-डंडों के साथ जंगल घेर लिया। चारों हमलावरों को लोगों ने दरातियों और फावड़ों से काट डाला था।
मदन भैया के गांव के लोग इतने उग्र थे कि एसएसपी-डीएम ने बाकायदा ऐलान किया था कि मदन भैया जिंदा हैं और ठीक हैं। मदन भैया को उनके गांव के लोग खासतौर से गुर्जर जाति के लोग बाहुबली नहीं बल्कि रॉबिनहुड की तरह देखते हैं। ऐसे में उनके जिंदा होने की खबर के बाद दी स्थिति सामान्य हुई थी।

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RLD अध्यक्ष के साथ मदन भैया IMAGE CREDIT:

बुलूटप्रूफ कार से चलते हैं मदन भैया
मदन भैया उन नेताओं में शामिल हैं, जो बुलेटप्रूफ कार से चलते हैं। 2010 में उनके बुलेटप्रूफ मित्सुबिशी पजेरो कार खरीदने पर काफी विवाद भी हुआ था। हालांकि बाद में उनको चुनाव आयोग से ये कार रखने की इजाजत मिल गई थी।
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मदन भैया पर कई गंभीर मुकदमे
मदन भैया पर अलग-अलग थानों में एक दर्जन से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं। इसमें पुलिस पर फायरिंग, अपहरण, कातिलाना हमला और बूथ कैप्चरिंग जैसे गंभीर आरोप भी हैं। पूर्व विधायक चंदर सिंह पर हमले का मुकदमा भी मदन भैया पर चल रहा है। हालांकि आज तक उन पर लगे आरोपों में से कोई साबित हु़आ है।

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