गाजियाबाद. एक बार फिर डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती (Yati Narsinghanand Saraswati) की हत्या की साजिश (Murder Plot) का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि दो संदिग्ध युवकों ने देर रात डासना स्थित देवी मंदिर में प्रवेश किया था। पुलिस के रजिस्टर में एक ने काशी गुप्ता, जबकि दूसरे ने डॉ. विजयवर्गीय निवासी नागपुर नाम से एंट्री कराई थी। पुलिस को उनके बैग से सर्जिकल ब्लेड और आपत्तिजनक दवाईयां मिली हैं। पुलिस पूछताछ में एक युवक ने अपना असली नाम काशिफ बताया है और दूसरा युवक उसका जीजा है। जिस तरह से दोनों युवकों ने नाम बदलकर मंदिर में प्रवेश किया। उससे लगता है कि दोनों महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती महाराज की हत्या के प्रयास में आए थे। क्योंकि 15 दिन पहले भी दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने जम्मू के एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया था, जिसने महंत की हत्या की सुपारी ली थी।
यह भी पढ़ें- आजम खान के बेटे के नाम से बनाया गया फर्जी फेसबुक पेज, अब सपा उठाने जा रही बड़ा कदम मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि कुछ आतंकी संगठन उनकी हत्या करने की फिराक में हैं। इससे पहले भी दिल्ली पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया था, जिसने उनकी हत्या करने की आतंकी से सुपारी लेने की बात कबूल की थी। अब फिर से बुधवार देर रात करीब 9 बजे दो युवकों ने हिंदू नाम बताकर रजिस्टर में एंट्री कराई और मंदिर में प्रवेश किया। सेवादारों ने शक होने पर उनकी तलाशी ली तो उनके बैग से तीन सर्जिकल ब्लेड और आपत्तिजनक दवाइयां बरामद हुईं, जिसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों को ही हिरासत में लेकर उनसे गहन पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस पूछताछ के दौरान इनमें से काशी गुप्ता नाम के एक युवक ने अपना असली नाम काशिफ निवासी गाजियाबाद और दूसरा उसका जीजा है। उन्होंने बताया कि निश्चित तौर पर यह दोनों लोग उनकी हत्या की फिराक में थे। महंत के अनुयायियों का कहना है कि युवकों के बैग से बरामद हुईं आपत्तिजनक दवाइयां खतरनाक सायनाइड है।
दोनों युवकों से गहन पूछताछ में जुटी पुलिस एसपी देहात डॉक्टर ईराज राजा ने बताया कि देवी मंदिर के सेवादारों से सूचना के बाद दो संदिग्ध युवकों मंदिर से गिरफ्तार किया गया है, जिनके कब्जे से आपत्तिजनक सामान बरामद हुआ है। पूछताछ में एक युवक ने अपना असली नाम काशिफ बताया है, जबकि दूसरा उसका जीजा झोलाछाप डॉक्टर विजयवर्गीय निवासी नागपुर है। फिलहाल पुलिस दोनों युवकों से गहन पूछताछ कर रही है। उधर, युवक कासिफ ने बताया कि वह एक धर्म को मानने वाले हैं और मंदिर में किसी की हत्या करने नहीं, बल्कि सत्यार्थ करने आए थे।
जहांगीर ने रची थी साधु के वेश हत्या की साजिश महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने आरोप लगाया है कि दोनों युवक किसी जिहादी संगठन से जुड़े हैं, जिसने दोनों को उनकी हत्या के लिए भेजा था। बता दें कि इससे पहले मई 17 को दिल्ली पुलिस ने जान मोहम्मद डार उर्फ जहांगीर को पहाड़गंज के एक होटल से गिरफ्तार किया था। उसके पास से दिल्ली पुलिस ने भगवा कपड़े और पूजा-पाठ की सामग्री बरामद की थी। पुलिस पूछताछ में उसने कबूल किया था कि जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तान में बैठे आतंकी आबिद ने उसे कुछ वीडियो दिखाकर महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या की सुपारी दी थी। दिल्ली पुलिस ने जहांगीर के कब्जे से एक पिस्टल और दो मैगजीन के साथ 15 कारतूस बरामद किए थे। वह साधु के वेश में महंत नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या की योजना बना रहा था।