अब भी जारी है सिलसिला प्रवासी मजदूरों का पलायन का सिलसिला अभी जारी है। हजारों की संख्या में गाजियाबाद प्रशासन प्रवासी मजदूरों को उनकी मंजिल तक पहुंचा चुका है। अब भी लगातार प्रशासनिक अधिकारी उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं। बुधवार को गाजियाबाद प्रशासन ने पांच स्पेशल ट्रेनों से करीब 7000 मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाया है। प्रशासन ने 5 दिन में लगभग 20 ट्रेनों के जरिए 25 हजार से ज्यादा श्रमिकों को उनके गृहजनपद तक पहुंचाया है।
बुधवार को चलीं 5 स्पेशल ट्रेनें गाजियाबाद के सिटी मजिस्ट्रेट शिव प्रताप शुक्ला ने बताया कि सभी मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है। बुधवार को मोरटा स्थित राधा स्वामी आश्रम में ठहरे हजारों की संख्या में श्रमिकों के लिए 5 ट्रेनों की व्यवस्था की गई थी। यहां मौजूद सभी मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग के साथ साथ मेडिकल जांच की गई। बसों के द्वारा उनको रेलवे स्टेशन तक पहुंचाया गया। स्टेशन अधीक्षक ने भी बताया कि बुधवार को पांच स्पेशल ट्रेनों से सात हजार प्रवासियों को रवाना किया गया। जहानाबाद, गोरखपुर, आजमगढ़, बनारस व साताराम के लिए ट्रेनें रवाना की गई हैं।
उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों से भेजा गया घर डीएम अजय शंकर पांडेय की मदद से जिले में रह रहे 80 से ज्यादा मजदूरों को भोजन के पैकेट देकर उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों तक पहुंचाया गया। उत्तराखंड सरकार ने डीएम अजय शंकर पांडेय से बात करके इनको अपने राज्य में ले जाने की अनुमति ली थी। इसके बाद उत्तराखंड सरकार ने तीन बसों में श्रमिकों को हरिद्वार, जौशीमठ, प्रयागराज, देवप्रयाग व अन्य इलाको तक पहुंचाने का काम किया। अब भी लगातार गाजियाबाद जिला प्रशासन सभी प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का काम कर रहा है।
540 बसों का हुआ इस्तेमाल गौतम बुद्ध नगर की बात करें तो कोविड-19 के नोडल अधिकारी नरेंद्र भूषण, पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह व डीएम सुहास एलवाई की देखरेख में अब तक 52 हजार लोगों को उनके घर भेजा गया है। इसके लिए रेलवे की 25 ट्रेनों और 540 बसों का इस्तेमाल किया गया है। डीएम सुहास एलवाई का कहना है कि गौतम बुद्ध नगर में बड़ी संंख्या में मजदूर और स्टूडेंट्स फंसे हुए थे। उन्होंने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया था। दादरी और दनकौर से उनके लिए 25 ट्रेनों की व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा 540 बसों को भी इस काम में लगाया गया। उन्होंने कहा कि जो मजूदर और छात्र मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर रजिस्ट्रेशन कराएंगे, उन्हें उनके घर भेजा गया। उनके खाने और पीने का भी इंतजाम किया जा रहा है।