UP में फिर भड़की हिंसा, दो पक्षों में पथराव के बाद मची भगदड़, 4 महिलाओं समेत दर्जनभर घायल बता दें कि अल नफीस फ्रोजन फूड एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ वाद दायर किया गया था। जिसमें अल नफीस पर आरोप लगाया गया था कि अल नफीस कंपनी के द्वारा भू जल का दोहन किया जा रहा साथ ही पर्यावरण संबंधी मानक भी पूरे नहीं किए जा रहे हैं। जांच के बाद अल नफीस कंपनी को भू जल के दोहन और पर्यावरण के अनुकूल उपाय नहीं करने का दोषी पाया गया। इस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने हापुड़ रोड डासना स्थित अल नफीस फ्रोजन फूड एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड को बंद करने के आदेश जारी करते हुए 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके लिए एनजीटी ने जिलाधिकारी को जल्द से जल्द कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
मुन्ना बजरंगी हत्याकांड का सच आया सामने, फारेसिंक जांच में झूठी साबित हुई पुलिस और सुनील राठी की कहानी इस मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक अशोक कुमार ने बताया कि अल नफीस फैक्ट्री प्रबंधन को 10 लाख रुपये 15 दिन के अंदर जमा कराने होंगे। अगर कंपनी निर्धारित समय पर सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में जुर्माना जमा नहीं करेगी तो तो इसकी सूचना नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को दी जाएगी। यहां बता दें कि अल नफीस की तरह ही डासना में कई अन्य मीट फैक्ट्रियां भी चल रही हैं, जिनमें इसी तरह की समस्याएं हैं। वहीं अल नासिर को अभी बंद कराने का फैसला नहीं हुआ है, लेकिन इस कंपनी पर अन्य जांच चल रही है।