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मर्चेंट नेवी की ट्रेनिंग के लिए बेटे को भेजा था मलेशिया, अब शव लाने के लिए विदेश मंत्री से गुहार लगा रहा परिवार आप को बता दें कि अंशिका का पुश्तैनी गांव हापुड़ का मुहम्मदपुर खुड़लिया है, जहां अंशिका के गांव में आने पर ग्रामीणों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर व ढोल बजाकर जश्न मनाया। अंशिका के पिता सतेंद्र कुमार अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज हैं। सतेंद्र कुमार को अर्जुन पुरुस्कार से सम्मनित भी किया जा चुका है। साथ ही सतेंद्र कुमार ने खिलाड़ियों के लिए गांव खुड़लिया में एक-एक शूटिंग स्पोर्ट्स एकेडमी भी शुरू की हुई है। जिसमें कोई भी अपना रजिस्ट्रेशन कराकर प्रैक्टिस कर सकता है। अंशिका ने इस जीत का श्रेय अपने परिवार को दिया। साथ ही आगे और ज्यादा मेहनत करके देश का नाम ऊंचा करने की बात कही।
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हापुड़ की इस बेटी का सैनिक संस्था द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। बेटी द्वारा 15वां गोल्ड मेडल जीतने पर ग्राम वासियों में खुशी की लहर है। वहीं अंशिका के गांव और परिवार में लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी मना रहे है। अंशिका का परिवार फिलहाल ग्रेटर नोएडा में रह रहा है। अंशिका के पिताजी और छोटा भाई आयुष खुद निशानेबाज हैं। हापुड़ के खुडंलिया गांव में शूटिंग स्पोर्ट्स एकेडमी है, जिसमें गांव के ही बच्चों को ट्रेनिंग दी जाती है। इससे गांव के और भी बच्चे स्पोर्ट्स में आगे बढ़ें और देश का नाम रोशन कर सकें।
हापुड़ की इस बेटी का सैनिक संस्था द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। बेटी द्वारा 15वां गोल्ड मेडल जीतने पर ग्राम वासियों में खुशी की लहर है। वहीं अंशिका के गांव और परिवार में लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी मना रहे है। अंशिका का परिवार फिलहाल ग्रेटर नोएडा में रह रहा है। अंशिका के पिताजी और छोटा भाई आयुष खुद निशानेबाज हैं। हापुड़ के खुडंलिया गांव में शूटिंग स्पोर्ट्स एकेडमी है, जिसमें गांव के ही बच्चों को ट्रेनिंग दी जाती है। इससे गांव के और भी बच्चे स्पोर्ट्स में आगे बढ़ें और देश का नाम रोशन कर सकें।