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बच्चे की मौत के बाद में परिजनों ने सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों पर लगाया यह आरोप दरअसल अभी वैशाली, वसुधरा, मोहनगर, लाजपतनगर समेत कई इलाकों में खारे पानी की सप्लाई होती है। अालम यह रहता है कि बिना वाटर प्यूरीफायर के यहां लोग पानी नहीं पी सकते। एसी और कूलर भी सालभर में बेकार हो जाते है। इसके अलावा कपडों की धुलाई करने पर रंग उतर जाता है। लोगों की तरफ से काफी समय से गंगाजल सप्लाई की मांग की जा रही थी। यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जल्दी ही ट्रांस हिंडन क्षेत्र के लोगों को खारे पानी से निजात मिल जाएगी। शासन ने 342 करोड़ की लागत से बनने वाले प्लांट की डीपीआर मांग ली है। डीपीआर 30 अप्रैल तक शासन को भेज दी जाएगी। तीन विभागों के बीच तालमेल नहीं होने के कारण हुई देरी प्लांट के लिए सिंचाई एवं जल संसाधान विभाग, नगर निगम और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को धन दिया जाना है,लेकिन तीनों ही विभागों में तालमेल नहीं बन पा रहा था। इन्हीं कारणों से यह परियोजना परवान नहीं चढ़ रही थी।
शासन स्तर से योजना से जुड़े सभी विवाद सुलझा लिए हैं।
शासन स्तर से योजना से जुड़े सभी विवाद सुलझा लिए हैं।
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हनुमान जयंती विशेष: हनुमान जी को बचाने के लिए प्रभु श्रीराम बने थे चौकीदार, पढ़िए रोचक कहानी शासन ने जल निगम से 30 अप्रैल तक प्लांट की डीपीआर मांगी है ताकि इसे स्वीकार कर काम शुरू कराया जा सके। सिंचाई विभाग के अधिकारियों के मुताबिक निर्माण पर कुल 342 करोड़ रुपये खर्च आएगा। जिसमें जीडीए 40 करोड़, नगर निगम 30 करोड़ करोड़ रुपये देगें। सिंचाई एवं जल संसाधान विभाग से 272 करोड़ रुपये का इंतजाम करने का अनुरोध किया गया है। मुरादनगर गंगनहर से इस पानी की आपूर्ति होगी। मेयर आशा शर्मा ने बताया कि शहर के हित में जो भी सहयोग मांगा जाएगा। नगर निगम उसमें अपनी भागीदारी के हिसाब से पूरा करेगा।