प्रशिक्षण में बताया गया कि कैसे एनीमल ट्रेकिंग सी. जी. एप्लीकेशन एवं ओ.डी.के. कलेक्ट एप्लीकेशन में ग्रामीणों का रजिस्ट्रेशन करना है, और कैसे हाथी की जानकारी मिलने पर या दिखाई देने पर उसकी विस्तृत जानकारी ऐप मे डालना है। ताकि लोगो को हाथी क्षेत्र में आने की सूचना जल्द से जल्द मिल सके और लोगो और हाथी को एक दूसरे से दूर रखा जा सके। हाथी प्रबंधन हेतु वनमण्डल स्तरीय (Elephant News) कार्यशाला के अवसर पर उप वनमण्डलाधिकारी मनोज चन्द्राकर ने कहा की जल्द से जल्द सभी हाथी के संभावित प्रभावित स्थानों के लोगो का रजिस्ट्रेशन इसमे प्रारंभ करें। गांव के हर जागरूक नागरिक के साथ संरपच, सचिव, पंच, कोटवार, ग्राम पटेल, आंगन बाड़ी कार्यकर्ता सहित अन्य लोगो के नम्बर का रजिस्ट्रेशन करें ताकि हाथी दिखाई देने पर उन्हें आटोमेटेड कॉल तथा एस.एम.एस जा सके।
यह भी पढ़ें
संगीत विवि का रायपुर कैंपस में नहीं चलेगा डिप्लोमा कोर्स, CM बघेल ने लिया निर्णय, सामने आई यह बड़ी वजह
Animal tracking app started in Chhattisgarh: उन्होने सभी वन कर्मचारियों को यह भी निर्देशित किया कि हाथी की सूचना मिलने के बाद पुष्टीकरण होने पर ओ.डी. के. कलेक्ट एप्लीकेशन में हाथी के बारे विस्तृत जानकारी भरे। दल का नाम, संख्या, हाथी दिखा या फिर अन्य प्रमाण मिले, दिखाई देने पर हाथी की स्थिति कैसी थी, कोई नुकसान किया या नही समेत सभी जानकारी एप में डालकर दुबारा पढ़कर चेक करने के बाद ही सबमिट करें । चंद्राकर ने बताया कि एप में जानकारी सबमिट करने के बाद 15 मिनट के भीतर हाथी वाले स्थान के 0 से 20 कि.मी. के दायरे में आने वाले सभी रजिर्स्टड लोगो को उनके फोन पर कॉल एवं एसएमएस के माध्यम से सूचना जायेगी। साथ ही लोगों को जंगल से दूर रहने की समझाईश दी (Chhattisgarh News) जायेगी। उन्होने वन कर्मचारियों से कहा की अभी फिलहाल मैसेज तथा फोन कॉल के अलावा पुराने परम्परागत मुनादी आदि के तरिको पर भी कार्य जारी रहेगा।
यह भी पढ़ें