वहीं पूरे सुपेबेड़ा के लोग इस समय इसी पाइप लाइन के माध्यम से पानी पीने को मजबूर है। गांव के अरविंद क्षेत्रपाल और महेन्द्र सोनवानी की माने तो नल-जल योजना (Tap water scheme) के तहत बोर के सामने लगाए गए गेट-वाल में लीकेज होने के कारण हमेशा पानी बहता रहता है।
जिसके चलते गंदा पानी (Polluted Water) भी पाइप से होकर नलों तक पहुंच रहा है। ग्रामीण बताते हैं कि तत्कालीन सरकार के साथ ही वर्तमान की भूपेश सरकार और हाईकोर्ट भी स्वच्छ पानी ग्रामीणों को मुहैय्या करवाने के लिए गंभीर है, ऐसे में PHE विभाग की लापरवाही के चलते नल-जल के गेट-वाल से हमेशा पानी का लिकेज होना कहीं न कहीं ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता नजर आ रहा है, हालांकि मामले में PHE के SDO का दावा है कि नल-जल योजना (Tap water scheme) पंचायत को छह महीने पहले हैंडओवर किया जा चुका है, ऐसे में उसकी जिम्मेदारी पंचायत की बनती है।
देवभोग के PHE SDO विश्राम टंडन ने बताया कि हमने नल-जल योजना को आपरेट करने के लिए आपरेटर की व्यवस्था भी गांव में की है। वहीं, गांव के लोग ही वॉल-गेट के नट-बोल्ट को बार-बार ढीला कर दे रहे हैं और पानी ले जा रहे हैं। इसके लिए ग्राम पंचायत जिम्मेदार है।
प्लांट का पानी उपयोग में नहीं ला रहे ग्रामीण
मामले में गांव के महेन्द्र और अरविंद क्षेत्रपाल बताते हैं कि तत्कालीन सरकार द्वारा गांव में आर्सेनिक और फ्लोराइड के छह प्लांट तो लगाए गए है, लेकिन ग्रामीण उस प्लांट के पानी का उपयोग नहीं कर रहे हैं। महेन्द्र और अरविन्द क्षेत्रपाल की माने तो प्लांट की दूरी बस्ती से ज्यादा होने के कारण गांव का आधा से ज्यादा आबादी प्लांट का पानी उपयोग में नहीं ला पा रहा है। ग्रामीण बताते हैं कि उन्हें प्लांट के पानी में किसी तरह की कोई शिकायत नहीं है, लेकिन प्लांट जहां लगना चाहिए था, वहां भी नहीं लग पाया। ऐसी स्थिति में बस्ती से प्लांट की दूरी ज्यादा होने के कारण ग्रामीण पानी का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।
मंत्री ने तेलनदी से पानी (Water) देने की घोषणा की थी
यहां बताते चले कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और पीएचई मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने नई सरकार बनने के बाद सुपेबेड़ा का दौरा किया था। उस दौरान दोनों मंत्रियों ने गांव के लोगों से पूरी तथ्यों की जानकारी लेकर हर संभव मदद देने का भरोसा ग्रामीणों को दिलाया था, हालांकि गुरू रूद्रकुमार ने तत्काल ग्रामीणों के मांग पर तेलनदी से पानी दिए जाने की घोषणा मंच से ही कर दी थी, जिसके बाद ग्रामीण बहुत ज्यादा उत्साहित नजर आए थे। यहां बताते चले कि हाईकोर्ट ने भी गांव में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के निर्देश दे दिए हैं, जिसके बाद ग्रामीणों के अंदर कोर्ट के आदेश को लेकर बहुत ज्यादा उत्साह नजर आ रहा है।
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