गरियाबंद

छत्तीसगढ़ के इन दो गांवों में छिड़ी सरहद की जंग, कलेक्टर ने भी नहीं सुनी बात, कभी भी हो सकता है बड़ा कांड!

CG Hindi news: सरकारी निर्माण पूरा हो चुका इसलिए अब कुछ नहीं किया जा सकता। ऐसे में आसरा के प्रतिनिधियों और जनता की मांग है कि इन निर्माण कार्यों पर हमारे गांव का नाम भी अंकित किया जाए

गरियाबंदApr 30, 2024 / 07:53 am

चंदू निर्मलकर

CG hindi news: आपने दो देशों के बीच सीमाओं को लेकर लड़ाई की बात सुनी होगी। इधर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के पांडुका में इलाके में दो गांवों के बीच सरहद की जंग छिड़ गई है। हुआ ये कि पोंड़ ग्राम पंचायत ने यहां का मिनी स्टेडियम, धान खरीदी केंद्र और नर्सरी आसरा गांव की जमीन पर बनवा दी है। आसरा गांववालों ने पहले तो कब्जा बताते हुए इसका विरोध किया। हालांकि, सरकारी निर्माण पूरा हो चुका इसलिए अब कुछ नहीं किया जा सकता। ऐसे में आसरा के प्रतिनिधियों और जनता की मांग है कि इन निर्माण कार्यों पर हमारे गांव का नाम भी अंकित किया जाए।

CG hindi news: यह है पूरा मामला

पत्रिका से बातचीत में ग्राम विकास समिति आसार के अध्यक्ष किशन साहू, सचिव अशोक सिंह ने कहा, हमारे गांव की सरहद में जिस तरह पोंड ग्राम पंचायत ने अतिक्रमण किया है, वह ठीक नहीं है। ऐसे में तो भविष्य में हमारे गांववालों को ही जरूरत के निर्माण करवाने जमीन नहीं मिलेगी। ये हमारे गांव के अस्तित्व से खिलवाड़ करने वाली बात है। पोंड़ ग्राम पंचायत ने हमारे इलाके में जितने भी निर्माण करवाए हैं, उन सभी में अपने गांव का नाम लिखवाया है। ये तो खुलेआम कब्जा है।

CG hindi news: इस वजह से गहराया मामला

हाल ही में धान खरीदी केंद्र के लिए नया भवन बनाया जा रहा है। इसमें भी धान खरीदी केंद्र पोंड़ लिखा जाएगा। जबकि, यह जगह वन विभाग के अंतर्गत पूरा प्लांटेशन क्षेत्र आसरा ग्राम के नाम से अंकित है। गांव के ललित ने कहा, हमारी जमीन पर इतने बड़े-बड़े निर्माण करवाए गए हैं तो हमारे गांव का नाम भी दिया जाना चाहिए। इसे लेकर हमने शिकायत भी की थी, जिसका आज तक निराकरण नहीं हो सका है।

CG hindi news: कलेक्टर जनदर्शन में हाजिरी लगाई, पर कोई नतीजा नहीं

गांववालों ने 2 महीने पहले कलेक्टर जनदर्शन में मामले की शिकायत की थी। अर्जुन राम, सोमन सिंह, विजय साहू, आसकरण, टुकेश्वर राम, तुलसी राम ने बताया कि जनदर्शन में हमने मांग की थी कि पोंड के नाम के साथ ग्राम आसरा का भी नाम लिखा जाए। दो महीने बाद भी हमारी समस्या का निराकरण नहीं हुआ है। जिला प्रशासन के पोर्टल में टोकन नंबर से आवेदन की स्थिति पता लगाई तो अनुविभागीय अधिकारी छुरा को प्रकरण निपटाने का जिमेदारी देने की जानकारी मिली। लेकिन, प्रकरण में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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