उदंती सीतानदी के जंगल में कई प्रकार के दुर्लभ जीवों का बसेरा है। इसमें सर्पों के 30 से ज्यादा प्रजाति शामिल हैं। वाइपर प्रजाति का सांप सिर्फ भारत में ही पाया जाता है। इसकी लंबाई 60 से 70 सेमी तक हो सकती है। नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष एम. सूरज राव ने बताया कि बम्बू पिट वाइपर बेहद ही दुर्लभ प्रजाति के सर्प है। अन्य वाइपर प्रजाति की तरह यह भी विषैला होता है, लेकिन विष इतना कारगर नहीं होता जो इंसान को हानि पहुंचाए।
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इस सर्प की खासियत यह छलावरण में माहिर होते हैं और इनका रंग पेड़ पत्तों से घुल-मिल जाता है। जिस वजह से इसे जंगल में देख पाना बेहद मुश्किल होता है। इसके थूथन पर दो (cg news) गर्मी संवेदन पिट होते है। जिससे अंधेरे में भी अपने शिकार को पहचानने व सटीक शिकार करने में मदद करते हैं। इस तरह के दुर्लभ जीवों को उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में संरक्षित व सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। बता दें कि अभयारण्य के कुल्हाड़ीघाट जंगल में यह विलुप्त प्रजाति के सर्प नजर आया है। इस सर्प के सामने मुंह का हिस्सा बेहद चौड़ा होता है। इसके पीछे का हिस्सा पतला होता है। वहीं यह सर्प अब बहुत ही कम नजर आता है। इस कारण इसे अब प्राय: विलुप्त प्रजाति माना जाता है।