Chhattisgarh news: नेशनल हाइवे में रेंग रहा था यह दुर्लभ गिरगिट
गरियाबंद तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 5 किमी दूर मुख्य नेशनल हाईवे मार्ग पर दुर्लभ प्रजाति का गिरगिट दिखा। वाईल्ड लाईफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के डॉक्टर आरपी मिश्रा ने बताया कि अंग्रेजी में इसे केमीलियोन कहते हैं। ( Chhattisgarh News ) यह रैप्टीलिया क्लास का प्राणी है, इसका वैज्ञानिक नाम केमीलियो नाईडी है। ( Rare Species ) यह सर्वाहारी होता है, परन्तु कीड़े मकौड़े, घोंघा एवं हरी पत्तियां इसकी पहली पसंद है। यह बहुत दुर्लभ है एवं वन्य जीव सरंक्षण अधिनियम 1972 की 2/1 का प्राणी है इसका जीवन काल 4 से 6 वर्ष तक का होता है। सामान्यत: गिरगिट की त्वचा के पीले पिगमेंट के साथ साथ नीले रंग का क्रिस्टल होता है जो चमड़ी के रंग को हरा दिखाता है।
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Rare Species: सिर पर चोटी
यह एक प्रकार की छिपकली है तोते की तरह उसके पैर अलग अलग नियंत्रित हो सकने वाली उनकी स्टिरियोटाइप आंखे, उसकी बहुत लंबी तेजी से निकलने वाली जीभ सिर पर चोटी और अपना रंग बदलने की क्षमता इनकी कुछ खास विशिष्टताएं हैं। इनकी लगभग 160 जातियां है जो अफ्रीका, मडागास्कर, स्पेन, पुर्तगाल, दक्षिण एशिया आदि में पाई जाती है। इसकी गर्दन का रंग गहरा लाल हो जाता है तो क्षेत्र के निवासी इसे वर्षा के आने का शुभ संकेत मानते हैं। ( Rare Species ) वन वासी अंचलों में इसे देखने पर अशुभ मानकर इसे मार दिया जाता है व विधिवत इसका अंतिम संस्कार किया जाता है।
इस पर चर्चा करने पर डॉक्टर मिश्रा ने बताया कि यह एक मिथ्या भ्रांती है, किसी भी प्राणी के देखने पर कोई शुभ या अशुभ नही होता। वैसे भी इनकी संख्या बहुत कम है, हमें ऐसे दुर्लभ प्राणियों को संरक्षित व सुरक्षित करने की आवश्यकता है।