टेलीकॉम उपकरणों की बिक्री को डीम्ड निर्यात का दर्जा दिए जाने की मांग की जा रही है। बता दें कि ये मांग काफी लंबे समय से की जा रही है। इसके अलावा टेलीकॉम कंपनियों ( Telecom industry ) की मांग है कि स्पेक्ट्रम लाइसेंस शुल्क ( Spectrum License Fees ) में कमी की जरूरत है, जो लाइसेंस फीस अभी 8 फीसदी है उसे घटाकर 3 फीसदी कर दिया जाए। साथ ही स्पेक्ट्रम यूसेज चार्जेज (एसयूसी) में कमी की मांग की जा रही है। कंपनियों को उम्मीद है कि इसे घटाकर 1-2 फीसदी कर दिया जाएगा। ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि आने वाले 5जी स्पेक्ट्रम की बोली में मौजूदा टेलीकॉम कंपनियां ज्यादा से ज्यादा स्पेक्ट्रम खरीद सकें।
हर साल की तरह टेलीकॉम सेक्टर इस साल भी सरकार से उम्मीद कर रहा है कि उसे कॉल दरों के मोर्चें पर कुछ राहत दी जाए। बता दें कि टेलीकॉम इंडस्ट्री इस समय करीब 8 लाख करोड़ रुपये के भारी कर्ज में डूबी हुई है। साथ ही उस पर 1.47 लाख रुपये की देनदारी भी है। ऐसे में सरकार से टेलीकॉम सेक्टर उम्मीद कर रहा है कि वो कुछ ऐसे ऐलान करें, जिससे इस देनदारी से कंपनियों को राहत मिल सके। बता दें कि AGR भुगतान पर सुप्रीम कोर्ट में टेलीकॉम कंपनियों की याचिका खारिज हो जाने के बाद इन कंपनियों को संकट से बाहर निकालने के लिए सरकार की मदद जरूरी है।