मामला पहुंचा कोर्ट:
खबर य भी निकल कर सामने आ रही है कि कुछ दिनों तक कंपनी की तरफ से समस्या को समाधान नहीं किया और हर्षा इस मामले को कोर्ट लेकर गई और अपनी रकम को वापस मांगा। हर्षा ने बीते साल जुलाई में मामला कोर्ट में दाखिल किया था। इसमें Flipkart के मैनेजिंग डायरेक्टर और Sane रिटेल के मैनेजर के खिलाफ मामला दर्ज किया, जो एक थर्ड पार्टी सेलर हैं। फ्लिपकार्ट ने कोर्ट में अपना पक्षा रखा और कहा कि वह एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो ग्राहकों और सेलर को उत्पादों के आदान-प्रदान में करता है। इसमें Flipkart की गलती नहीं है, लेकिन कोर्ट ने Flipkart से साथ अपनी असहमती दर्ज की।
कोर्ट ने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सामान बेचने वाली कंपनी से इस तरह के रवैये की उम्मीद नहीं की जा सकती है। ये मामला अनुचित व्यापार, व्यवहार और सेवा में कमी के अंतर्गत आता है। इसके साथ ही 17 मार्च को अदालत ने फ्लिपकार्ट को 74,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा। इसमें 48999 रुपये आईफोन की कीमत है, 10 हजार रुपये सेवा में कमी और अनुचित व्यपार के लिए और 15000 रुपये मानसिक पीड़ा और मुकदमेबाजी की लागत है। जब भी इस तरह के मामले में सामने आते हैं तो इसका खामियाजा ग्राहक के साथ ब्रांड को भी होता है जिसकी गलती नही होती।
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