हाल ही में, बेंगलूरु में भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएस) की एक पीएचडी छात्रा ने एक ऐसे ही स्कैम के संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खुद को फेडएक्स कर्मचारी बताने वाले एक व्यक्ति से कॉल आने के बाद छात्रा को 1,34,650 रुपए का नुकसान हुआ। कॉल करने वाले ने दावा किया कि उसके (छात्रा) के नाम से एक पैकेज आया है जिसमें में अवैध वस्तुएं थीं और उसकी पहचान से समझौता किया गया था।
पीडि़ता ने आगे बताया कि कॉल करने वाले ने पहचान सत्यापन के लिए उसे किसी ऐसे व्यक्ति से मिलाया, जिसने खुद को मुंबई नारकोटिक्स डिवीजन से होने का दावा किया था। फिर उन्होंने उसे अपने बयान देने के लिए स्काइप कॉल में शामिल होने के लिए कहा और सीबीआई और आरबीआई जैसे संस्थानों के दस्तावेज़ प्रस्तुत किए। घोटालेबाजों ने उसका बैंक स्टेटमेंट भी मांगा और उसके बैंक खातों को सत्यापित करने के लिए पैसे का अनुरोध किया।
पीडि़ता ने आगे बताया, उन्होंने खुद को मुंबई नारकोटिक्स डिवीजन का अधिकारी बताया और मुझे अवैध रूप से एमडीएमए की आपूर्ति करने की धमकी दी। मैं डर गई थी, इसलिए मैंने पैसे ट्रांसफर कर दिए। रिपोर्ट के मुताबिक, पीडि़त ने घोटालेबाज के बैंक खाते में 1,34,650 रुपए ट्रांसफर किए।
एक अन्य रिपोर्ट किए गए मामले में, मुंबई की एक आईटी पेशेवर साइबर धोखेबाजों का शिकार हो गई। उन्हें भी ठगों ने नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी बनकर कॉल किया था। इस घोटाले में महिला को 1.97 लाख रुपए का नुकसान हुआ। इसी तरह, कुछ हफ्ते पहले, दिल्ली के एक डॉक्टर को इसी तरह के घोटाले में फंसकर लगभग 4.47 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। इसी तरह का एक मामला हाल ही में वित्तीय सेवा फर्म ज़ेरोधा के संस्थापक और सीईओ नितिन कामथ ने 23 जून को सोशल मीडिया पर उजागर किया था।
क्या है कूरियर घोटाला?
इस नए कूरियर घोटाले में, साइबर स्कैम्स्टर्स विशेष रूप से युवा लोगों को निशाना बना रहे हैं। वे पीडि़तों से संपर्क करते हैं और उन्हें बताते करते हैं कि उनके नाम पर कथित तौर पर ड्रग्स या अन्य अवैध सामान वाले “कूरियर पार्सल” विदेशों में भेजे जा रहे हैं। एक बार जब पीडि़त को उनके दावों पर विश्वास हो जाता है, तो ठग पीडि़त को स्काइप कॉल में शामिल होने के लिए कहते हैं, जहां वे खुद को नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी बताते हैं। कॉल के दौरान, वे पीडि़त पर दबाव डालते हैं। वे पीडि़त से अपना आधार और अन्य पहचान विवरण, साथ ही अपने बैंक खाते की जानकारी देने के लिए कहते हैं।
इसके अतिरिक्त, सत्यापन के बहाने, ठग पीडि़त से पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं और उन्हें आश्वासन देते हैं कि यह रिफंडेबल है। हालांकि, एक बार जब पीडि़त पैसे भेज देता है, तो ठक नंबर बंद कर देते हैं।
ऐसे रहें सावधान
-कूरियर सेवाओं या कानून प्रवर्तन एजेंसियों से होने का दावा करने वाले अप्रत्याशित कॉल या संदेशों से सावधान रहें।
-आधिकारिक स्रोतों से जानकारी सत्यापित करें. यदि आपको कोई नंबर संदिग्ध लग रहा है तो सीधे कूरियर कंपनी से संपर्क करके जानकारी को स्वतंत्र रूप से सत्यापित करें।
-व्यक्तिगत विवरण, जैसे कि आपका आधार नंबर, बैंक खाता जानकारी, या कोई अन्य संवेदनशील डेटा, विशेष रूप से फोन पर या अरिचित वेबसाइटों या लिंक के माध्यम से साझा न करें।
-कार्रवाई में जल्दबाजी न करें, स्कैम्स्टर्स अक्सर पीडि़तों पर जल्दबाजी में निर्णय लेने के लिए दबाव डालने के लिए तात्कालिकता और घबराहट की भावना पैदा करते हैं। कोई भी लेन-देन करने या व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से पहले अपना समय लें, जानकारी इकट्ठा करें और विश्वसनीय व्यक्तियों से परामर्श करें।
-यदि आपको कूरियर पार्सल या अप्रत्याशित पैकेज के संबंध में कोई कॉल या संदेश प्राप्त होता है, खासकर यदि आप इसकी उम्मीद नहीं कर रहे थे, तो इसे संदेह के साथ देखें। कोई भी कार्रवाई करने से पहले विश्वपसनीय चैनलों के माध्यम से जानकारी की वैधता सत्यापित करें।