एप्पल ने कहा कि कंपनी ने यह कदम रूस के खिलाफ इसलिए उठाया है, क्योंकि रूस यूक्रेन पर लगातार हमले कर रहा है। कंपनी दोनों देशों की स्थिति पर लगातार नजर बनाएं हुए हैं। वहीं, यूक्रेन भी रूस पर दबाव बनाने की अपील कर रहा है। एप्पल ने भी रूस पर दबाव बनाने के लिए अहम योगदान दिया है।
आपको बता दें कि यूक्रेन के उप-प्रधानमंत्री Mykhailo Fedorov ने पिछले सप्ताह एप्पल के सीईओ टिम कुक को पत्र लिख रूस में प्रोडक्ट्स की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ एप स्टोर से ऐप्स हटाने की मांग की थी।
चिपसेट का निर्माण हो सकता है प्रभावित :
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच चल रही जंग (Russia-Ukraine War) की वजह से चिपसेट का निर्माण प्रभावित हो सकता है। दोनों देशों के बीच युद्ध चलने के कारण मेमोरी समेत कई प्रोडक्ट का प्रोडक्शन भी ठप पड़ जाएगा। इससे चिपसेट की भी कमी होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 50,000 से ज्यादा रूसी सैनिकों ने यूक्रेन में पहुंच चुके हैं। कीव की राजधानी पर हमला जल्द हो सकता है। अब तक दोनों देशों के बीच चल रही जंग में हजारों लोग अपना जान गवा चुके हैं और कई शरणार्थियों के रूप में अपने घरों को छोड़ चुके हैं। बता दें कि चेरनोबिल परमाणु स्थल को रूसी सेना ने पिछले सप्ताह गुरुवार को अपने कब्जे में ले लिया था।