दोनों टेलीकॉम कंपनियों के मर्जर के बाद ये हो सकता है कि कंपनी अपना कोई नया सिम पेश करेगी। लेकिन, इन कंपनियों के सिम इस्तेमाल कर रहे यूजर्स को नया सिम नहीं लेना होगा। क्योंकि, दोनों ही कंपनियों के ज्यादातर यूजर्स के पास 2016 सेे ही 4 जी सिम उपलब्ध है। वहीं, नए सिम को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं कि गई है।
मीडिया रिपोर्ट की माने तो जबतक इन दोनों कंपनियों की मर्जर की आधिकारिक घोषणा नहीं हो जाती है तब तक दोनों ही कंपनियां एक दूसरे की प्रतिद्वंदी बनी रहेगी। लेकिन, मर्जर के बाद नई कंपनी कुछ नए प्लान्स को पेश कर सकती हैं। वहीं, नेटवर्क कनेक्टिविटी की बात करें तो वोडाफोन के नेटवर्क की पकड़ शहरी क्षेत्रों में अच्छी है जबकि, आइडिया का नेटवर्क छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में बेहतर माना जाता है। अब इन दोनों कंपनियों के मर्जर के बाद सभी क्षेेत्रों के यूजर्स को नेटवर्क कनेक्टिविटी पहलेे से बेहतर मिलेगी।