मोबाइल की स्क्रीन टूटने के बाद खुद ठीक हो जाए, यह कल्पना जल्द साकार हो सकती है। भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आइआइएसइआर) कोलकाता और आइआइटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने ऐसे कठोर मटेरियल बनाने में सफलता हासिल की है, जो टूटने पर खुद ठीक हो सकता है।
अमरीकी पत्रिका साइसं में प्रकाशित शोध के अनुसार शोधकर्ताओं ने अनोखी आणविक संरचना वाला काॅर्बनिक क्रिस्टल पदार्थ संश्लेषित नया मटेरियल पीजोइलेक्ट्रिक क्रिस्टल नामक पदार्थों के एक वर्ग से संबंधित है जो ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा या विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदल सकता है। स्वत: ठीक होने वाली सामग्री पर तीन दशक से शोध जारी है। इंजीनियरिंग प्रयोगों, कंस्ट्रशन, एयरोस्पेस उद्योगों और रसोईघरों में ऐसे पदार्थ की जरूरत महसूस की गई। अब तक जो भी ऐसे मटेरियल मौजूद हैं, वह नरम या विकृत आकृति वाले हैं।
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खास आणविक संरचना का कमाल वैज्ञानिकों ने मटेरियल को सुई से चोट पहुंचाई। जब सुई हटाई तो दरारें एक सेकंड से भी कम समय में अपने आप ठीक हो गईं। बताया गया कि क्रिस्टल की आणविक संरचना इसे खास बनाती है। इसे चोट पहुंचने पर दो सतहों के बीच मजबूत आकर्षणबल टुकड़ों को पुन: जोडऩे का कारण बनता है। टीम के सदस्य भानू भूषण के मुताबिक, मैं रोजमर्रा की चीजों में इस मटेरियल के प्रयोग की कल्पना करता हूं। इसका उपयोग मोबाइल स्क्रीन बनाने में हो सकता है। यह दरारें पडऩे पर स्वयं की मर्मत करेगा।
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ऑप्टिकल गुण, अन्य से 10 गुना कठोर आइआइएसइआर में रसायन विज्ञान के प्रोफेसर सी. मल्ला रेड्डी के अनुसार ऑप्टिटकल गुण वाला नया मटेरियल अन्य के मुकाबले 10 गुना कठोर है। इसमें प्रत्येक क्रिस्टल 1 मिमी-2 मिमी लंबा और0.1 मिमी-0.2 मिमी चौड़ा होता है।