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वन डिजिटल आईडी के जरिए आसानी से लोगों को डेटा को मैनेज किया जा सकेगा। इसके लिए माध्यम से लोग केवाईसी या ईकेवाईसी जैसी प्रक्रियाओं को आसानी से पूरा कर सकेंगे। सरकार का यह प्लान इंडिया एंटरप्राइस आर्कीटेक्चर 2.0 का हिस्सा है, जिसे 2017 में आईडेंटिफिकेशन प्रोसेस को आसान बनाने के लिए पेश किया गया था।
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क्यों है वन डिजिटल आईडी की जरूरत
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रस्तावित प्लान का उद्देश्य एक नया डिजिटल आर्किटेक्चर विकसित करना है जो “इंटरलिंक्ड और इंटरऑपरेबल” होगा। यह केवल एक विशिष्ट आईडी के साथ ईकेवाईसी की प्रक्रिया को आसान बनाएगा। यह एक कुंजी के रूप में भी काम करेगा जहां सभी अलग-अलग राज्य और केंद्रीय पहचान को स्टोर किया जा सकेगा। कयास लगाएं जा रहे हैं कि इस प्रस्ताव को जल्द ही लोगों के आगे पेश किया जाएगा। हालांकि, सरकार की ओर से फेडरल डिजिटल आइडेंटिटी की लॉन्चिंग को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है।