राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री के भारत में ज्यादातर जिस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है उसका नाम Teleprompter है। टेलीप्रॉम्प्टर के लेटेस्ट वर्जन को पकड़ पाना मुश्किल है, क्योंकि सामने बैठे लोगों को ये दिखाई नहीं देता, क्योंकि एक साइड से ये पारदर्शी होता है। टेलीप्रॉम्प्टर केवल पीछे खड़े व्यक्ति को ही दिखाई देता है। स्पीकर जैसे-जैसे टेलीप्रॉम्प्टर पर लिखे शब्द पढ़ते जाएगा, वैसे-वैसे वो स्क्रॉल डाउन होता जाता है। टेलीप्रॉम्प्टर ऑपरेटर इसकी स्क्रॉलिंग की स्पीड को नियंत्रित करता रहता है। वो शब्दों को स्पीकर की स्पीड के मुताबिक नीचे करता है। टेलीप्रॉम्प्टर की अगर दाम की बात करें तो इसकी शुरूआती कीमत 3 लाख रुपये के करीब है।
कई बार ऐसा होता है कि टेलीप्रॉम्प्टर के इस्तेमाल के दौरान स्पीकर अपने भाषण के शब्दों पर ज्यादा फोकस नहीं कर पाता है और वो जो बोल रहा होता है उसे दर्शक ठीक से समझ नहीं पाते हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले टेलीप्रॉम्प्टर का इस्तेमाल इसरो में पीएसएलवी की लॉन्चिंग के दौरान किया था। ऐसे में माना जा सकता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारतीयों से बात करने के लिए इसका सहारा ले सकते है और हिन्दी के कुछ शब्दों के साथ वो लोगों तक अपनी बात रखने की कोशिश करेंगे।