यह भी पढ़ें-15,999 रुपये की कीमत में Motorola One Power भारत में लॉन्च, Nokia 6.1 Plus को मिलेगी टक्कर ऐसे करें इंश्योरेंस के लिए क्लेम अगर किसी ATM कार्ड धारक की मौत हो जाती है तो उसके परिजन बैंक के उस ब्राच को जानकारी दें, जहां उसका अकाउंट खुला गया है। इसके बाद वहां मुआवजे के लिए अप्लाई करें। यह काम 2-5 महीने की बीच में ही करें वरना इसका लाभ नहीं मिलेगा। वहीं बैंक इस जानकारी को पाने के बाद यह चेक करेगा कि 60 दिनों के भीतर उसने कोई लेनदेन किया है या नहीं। बता दें कि विकलांगता से लेकर मौत होने तक पर अलग-अलग तरह के मुआवजे का प्रावधान है। साधारण एटीएम, मास्टरकार्ड, क्लासिक एटीएम पर भी अलग-अलग तरह की मुआवजा है। साथ ही आप बैंक जाकर यह भी पता कर सकते हैं कि आपके कार्ड पर कितने का बीमा कराया गया है।
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