गाडरवारा। नगर से लेकर आसपास के शहारों में जाने वाली स्टेट हाईवे एवं अन्य सड़कों किनारे तिरछे, सूखे एवं जानलेवा पेड़ खड़े हादसों को दावत दे रहे हैं। नगर के अस्पताल रोड पर हनुमान मंदिर के पास तीन चार बेहद तिरछे पेड़ खड़े हुए हैं। जिनके तने सड़क की ओर दिन ब दिन झुकते जा रहे हैं। पेड़ों की शाखाएं रोड पर लटक रही हैं। कई बार लोगों की मांग के बावजूद कोई सुधार नहीं किया जा रहा। इसके अलावा गाडरवारा-सांईखेड़ा-पिपरिया रोड पर भी ऐसे घातक पेड़ अनेक जगह देखे जा सकते हैं। हाल ही में तेज बरसात के दौरान सोयाबीन प्लांट के पास ऐसा ही एक पेड़ गिरने से लोग बाल बाल बचे थे एवं एक जानलेवा हादसा टला था। वहीं इसके पहले लगभग तीन चार साल पूर्व इसी रोड पर एक आम का पेड़ सवारियों से भरे ऑटो पर गिरने से जानलेवा दुर्घटना घट चुकी है। बीते साल जीआरपी थाने के पास एक पेड़ गिरने से गुजर रहा बाईक सवार युवक इसकी चपेट में आकर महीनों बिस्तर पर रहकर उपचार करा चुका है। गाडरवारा से कामती के बीच अनेक सूखे पेड़ खड़े हुए हैं। वहीं अनेकों हरे पेड़ों के तने एवं शाखाएं भी सड़क पर झुकी हुई हैं। लोगों का कहना है कि कुछ दशक पहले गाडरवारा से सांईखेड़ा, करेली, पिपरिया जाने पर रोड के दोनों ओर हजारों आम के पेड़ खड़े रहते थे। जिनमें से अब गिने चुने ही बचे हैं। प्रतिवर्ष बरसात में इनमें से कई पेड़ गिर जाते हैं। वहीं बचे खुचे पेड़ों में से कुछ ही जड़ों में हींग एवं केमिकल रखकर पेड़ सुखा दिया जाता है, बाद में कतिपय लोग इनकी लकडिय़ों काट लेते हैं। नगर के अनेक स्थानों पर भी लोगों के मकान या प्लाट के सामने आने वाले हरे पेड़ों को इसी तर्ज पर सुखाया गया है। बहरहाल सभी सूखे जानलेवा पेड़ों के काटने की लोगों ने संबंधित विभाग से अपेक्षा जताई है। ताकि भविष्य में जानलेवा हादसे की आशंका न रहे।