ऐसा ही एक वाकया गाडरवारा में सामने आया है। इसके तहत सिलाई का काम कर किसी तरह गुजारा करने वाली एक महिला ने गाढ़े वक्त के लिए 62 हजार रुपये बैंक में जमा किए थे। वो एटीएम कार्ड होल्डर भी है। लेकिन किसी साइबर क्रिमिनल ने उस महिला के खाते से दो दिन के अंतराल में बैक में जमा सारी धनराशि निकाल ली जबकि उसका एटीएम कार्ड उसके घर में ही पड़ा रहा।
खाते से रुपये निकाले जाने की सूचना मिलते ही महिला ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई, बैंक को सूचित किया। यहां तक कि सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत दर्ज कराई पर कहीं से भी कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में वह अब कभी पुलिस थाना तो कभी बैंक का चक्कर काटने को विवश है। ऐसा करते महिला को एक महीना बीत गया पर फूटी कौड़ी नहीं मिली।
गाडरवारा निवासी बरखा पति विशाल मालवीय के खाते से दो दिन में छह बार में 62 हजार रुपये निकाले गए हैं। महिला का आरोप है कि अब बैंक से शिकायत करने के बाद भी बैंक प्रशासन उसकी कोई मदद नहीं कर रहा। गाडरवारा के निरंजन वार्ड निवासी बरखा का कहना है कि बैंक आफ बड़ौदा के बचत खाते से मोबाइल नंबर लिंक कराने को उसने बीते 10 जून को बैंक में आवेदन किया था। इसके बाद 11 जून को खाते से 50 हजार और 12 जून को 12 हजार 500 रूपये की राशि निकल गई, जबकि बैंक ने महिला का खाता उसके मोबाइल नंबर से 16 जून को लिंक किया। महिला ने बताया कि बैंक में शिकायत की तो मैनेजर ने कोई संतोषजनक जबाब नहीं दिया। वह गाडरवारा थाने से लेकर एसपी कार्यालय में भी शिकायत कर चुकी है। घटना को हुए एक माह होने को है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। बैंक अधिकारी कहते है कि राशि एटीएम से निकली है लेकिन उसका एटीएम घर की अलमारी में रखा था। उसने न तो किसी से ओटीपी शेयर की और न ही खाता संबंधी जानकारी दी। महिला का आरोप है कि बैंक की गलती से खाता सुरक्षित नहीं रहा।
वैसे लोगों का कहना है कि बैंक खातों से पैसे निकलने की घटना अब आम होती जा रही है। पर बैक अधिकारी हों या पुलिस ऐसे पीड़ितों की कोई मदद नहीं कर रही। ऐसे कई केस लंबित पड़े हैं। इस साइबर क्राइम करने वालों का हौसला लगातार बढ़ता जा रहा है।