वे काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। दिमाग में खून के थक्के मिलने के बाद इसी महीने उन्होंने ब्रेन सर्जरी कराई थी। उस वक्त मीडिया रिपोर्ट्स में ये कहा गया था कि शराब की लत छुड़ाने का इलाज करवाया गया है।
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अर्जेंटीना फुटबॉल एसोसिएशन ने एक बयान जारी करते हुए बताया है कि हमारे लीजेंड खिलाड़ी के निधन की खबर सबसे बड़ा दुख है। आप हमेशा हमारे दिल में रहेंगे।
अर्जेंटीन की ओर से खेलते हुए माराडोना ने कई ऐतिहासिक मैच जीताए हैं। इनमें से सबसे अहम 1986 के विश्वकप में अर्जेंटीना की जीत में माराडोना की महत्पूर्ण भूमिका रही है। दुनिया के महान खिलाड़ियों में शुमार माराडोना इस विश्वकप के बाद ही हर बच्चे से लेकर बड़ों के बीच लोकप्रिय हो गए थे।
चार विश्वकप में अर्जेंटीना का किया प्रतिनिधित्व
बता दें कि अपने क्लब करियर में मारोडना ने बार्सिलोना और नैपोली के लिए खेलते हुए दो खिताब अपने क्लब को दिलाए थे। वहीं अर्जेंटीना के लिए 91 मैचों में 34 गोल गिए और चार विश्व कप में देश का प्रतिनिधित्व किया।
माराडोना ने साल 1990 में विश्व कप फाइनल में भी अर्जेंटीना का नेतृत्व किया था, हालांकि यहां पर पश्चिम जर्मनी के हाथों करारी हार झेलनी पड़ी थी। इसके बाद 1994 में एक बार फिर से माराडोना ने टीम को लीड किया, लेकिन ड्रग टेस्ट में फेल होने के बाद अमरीका से वापस लौटना पड़ा था।
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इसके बाद जब एक बार फिर मैदान में उतरे तो वे कोकीन की लत से जूझ रहे थे और उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। 1991 में कोकीन के सेवन का दोषी पाए जाने के बाद माराडोना पर 15 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बाद माराडोना ने 1997 में पेशेवर फुटबॉल को 37 साल की उम्र में अलविदा कह दिया। 2008 में माराडोना अर्जेंटीना के राष्ट्रीय टीम के हेड कोच बने, लेकिन 2010 विश्व कप के बाद उन्होंने यह पद छोड़ दिया।