केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द से जल्द इस मामले पर सुनवाई की मांग की है। बता दें कि मामले के लिए बुधवार की तारीख तय की जा चुकी है और उसके बाद ही इस मामले पर कुछ अपडेट आ पाएगा। आपको बता दें FIFA ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के अपने 85 साल के इतिहास में पहली बार भंग किया है। फीफा ने इस फैसले के बाद भारत में होने वाले अंडर 17 महिला विश्व कप की मेजबानी के अधिकार भी छीन लिए हैं।
बता दें कि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मई में अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ को भंग कर दिया था और खेल को चलाने के लिए भारतीय फुटबॉल संघ के संविधान में संशोधन करने और 18 महीने से लंबित चुनाव कराने के लिए 3 सदस्यी प्रशासकों की नियुक्ति की थी। इसके अलावा एआईएफएफ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को 18 मई को उनके पद से हटा दिया गया था।
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आसान शब्दो में समझें पूरा मामलाबता दें कि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मई में अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ को भंग कर दिया था और खेल को चलाने के लिए भारतीय फुटबॉल संघ के संविधान में संशोधन करने और 18 महीने से लंबित चुनाव कराने के लिए 3 सदस्यी प्रशासकों की नियुक्ति की थी। इसके अलावा एआईएफएफ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को 18 मई को उनके पद से हटा दिया गया था।
इसके बाद फीफा और एशियाई फुटबाल महासंघ के महासचिव विंडसर जॉन के नेतृत्व में एक टीम को भारतीय फुटबॉल के हितधारकों से मिलने के लिए भेजा। इसके बाद 15 सितंबर तक एआईएफएफ से चुनाव कराने और अपना रोडमैप तैयार करने के लिए कहा था। फीफा चाहता था कि एआईएफएफ में चुनाव हो और नए तरीके से संचालन समिति का गठन हो, जो एआईएफएफ के संविधान के साथ मिलकर काम कर सकें।
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इसके लिए फीफा ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ को पहले ही चेतावनी दी थी लेकिन अभी तक ना तो चुनाव हो सके और AIFF के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को भी उनके पद से हटा दिया गया। प्रफुल पटेल को पद से हटाने के बाद निर्वाचित तीन सदस्य प्रशासक समिति को सुप्रीम कोर्ट ने 3 महीने के लिए अंतरिम निकाय बनाने की घोषणा की। इसके बाद इस समिति ने अपने हिसाब से चुनाव कराने का फैसला लिया और कुछ पूर्व खिलाड़ियों से अपने पक्ष में वोट कराने की मांग की, इसी को फीफा ने थर्ड पार्टी हस्तक्षेप माना है जिसके कारण एआईएफएफ को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। कब हो सकती पहले जैसे स्थिति बहाल
जब तक अखिल भारतीय महासंघ में नए तरीके से चुनाव नहीं हो जाते और चुनी गई समिति भारतीय फुटबॉल महासंघ के संविधान के अनुसार काम करना न शुरू करदे तब तक। साथ ही इसके बाद राजनीतिक और कानूनी हस्तक्षेप के यह समिति मुक्त होने चाहिए। इसके बाद ही फीफा पुरानी स्थिति बहाल करने पर विचार कर सकता है। बता दें फीफा के इस फैसले के बाद भारतीय महिला और पुरुष टीम के खिलाड़ी ना तो किसी अंतरराष्ट्रीय मैच में हिस्सा ले पाएंगे और ना ही किसी अन्य लीग में खेल पाएंगे।
जब तक अखिल भारतीय महासंघ में नए तरीके से चुनाव नहीं हो जाते और चुनी गई समिति भारतीय फुटबॉल महासंघ के संविधान के अनुसार काम करना न शुरू करदे तब तक। साथ ही इसके बाद राजनीतिक और कानूनी हस्तक्षेप के यह समिति मुक्त होने चाहिए। इसके बाद ही फीफा पुरानी स्थिति बहाल करने पर विचार कर सकता है। बता दें फीफा के इस फैसले के बाद भारतीय महिला और पुरुष टीम के खिलाड़ी ना तो किसी अंतरराष्ट्रीय मैच में हिस्सा ले पाएंगे और ना ही किसी अन्य लीग में खेल पाएंगे।