नहीं रुकती बसें
फिरोजाबाद का कस्बा टूंडला मुख्य स्टोपेज है, लेकिन यहां बसें नहीं रुकती हैं। आगरा से फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, मैनपुरी और कानपुर की ओर टूंडला की होकर बसें गुजरती हैं, वहीं एटा, बरेली, पीलीभीति, बदायूं, शाहजहांपुर के लिए भी आगरा ये इस रूट से बसें गुजरती हैं, लेकिन रोडवेज के चालक परिचालक इस बस स्टेंड पर बसों को रोकते नहीं हैं, इसका मुख्य कारण ये भी है कि पहले से ही बसें आगरा से फुल होकर चलती हैं।
फिरोजाबाद का कस्बा टूंडला मुख्य स्टोपेज है, लेकिन यहां बसें नहीं रुकती हैं। आगरा से फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, मैनपुरी और कानपुर की ओर टूंडला की होकर बसें गुजरती हैं, वहीं एटा, बरेली, पीलीभीति, बदायूं, शाहजहांपुर के लिए भी आगरा ये इस रूट से बसें गुजरती हैं, लेकिन रोडवेज के चालक परिचालक इस बस स्टेंड पर बसों को रोकते नहीं हैं, इसका मुख्य कारण ये भी है कि पहले से ही बसें आगरा से फुल होकर चलती हैं।
बस स्टैंड भी नहीं चालू
वहीं टूंडला चौराहे पर बना रोडवेज बस स्टैंड भी चालू नहीं है। यात्री इस वजह से बस स्टैंड के बाहर सड़क पर बसों का इंतजार करते हैं। आलम ये है कि बस स्टैंड के बाहर से होकर बसें गुजर जाती हैं। यात्री या तो ब्लॉक के सामने बसों का इंतजार करते हैं या फिर एटा चौराहे पर। यहां पर भी बस चालक बसों को रोकते नहीं हैं।
वहीं टूंडला चौराहे पर बना रोडवेज बस स्टैंड भी चालू नहीं है। यात्री इस वजह से बस स्टैंड के बाहर सड़क पर बसों का इंतजार करते हैं। आलम ये है कि बस स्टैंड के बाहर से होकर बसें गुजर जाती हैं। यात्री या तो ब्लॉक के सामने बसों का इंतजार करते हैं या फिर एटा चौराहे पर। यहां पर भी बस चालक बसों को रोकते नहीं हैं।
घंटों रहता है इंतजार
टूंडला की रहने वाली मिथलेश बताती हैं, कि रक्षाबंधन वाले दिन हालत बेहद खराब रहती है। बसें आगरा से ही फुल होकर आती हैं। बस रुक भी जायें, तो भीड़ इतनी होती है, कि उसमें जगह नहीं मिल पाती है। टूंडला कॉलोनी की रहने वाली रानी कहती हैं कि पिछले वर्ष वे मैनपुरी जाने के लिए पांच घंटे तक बस का इंतजार करती रहीं, लेकिन बस नहीं मिली। यहीं के रहने वाले अशोक कुमार बताते हैं कि बस चालक मक्कारी करते हैं। आॅवर ब्रिज से तेजी से बसों को ले जाते हैं, टूंडला पर बस को रोका ही नहीं जाता है।
टूंडला की रहने वाली मिथलेश बताती हैं, कि रक्षाबंधन वाले दिन हालत बेहद खराब रहती है। बसें आगरा से ही फुल होकर आती हैं। बस रुक भी जायें, तो भीड़ इतनी होती है, कि उसमें जगह नहीं मिल पाती है। टूंडला कॉलोनी की रहने वाली रानी कहती हैं कि पिछले वर्ष वे मैनपुरी जाने के लिए पांच घंटे तक बस का इंतजार करती रहीं, लेकिन बस नहीं मिली। यहीं के रहने वाले अशोक कुमार बताते हैं कि बस चालक मक्कारी करते हैं। आॅवर ब्रिज से तेजी से बसों को ले जाते हैं, टूंडला पर बस को रोका ही नहीं जाता है।