यमुना किनारे खादरों में राजा चन्द्रसेन का शासन था। दूर—दूर तक उनकी ख्याति थी। जैनिज्म को आगे बढ़ाने के लिए उनके द्वारा 108 जैन मंदिरों का निर्माण कराया गया था। उनके शासन में क्षेत्र की जनता खुश थी। देश में धीरे—धीरे मुगल शासक बढ़ने लगे। एक दिन अचानक मुगल शासक मोहम्मद गौरी ने जलमार्ग के जरिए रात्रि के अंधेरे में चन्द्रनगर पर आक्रमण कर दिया था। उसके बाद उसे पूरी तरह तबाह कर जैन मंदिरों को ध्वस्त कर दिया। राजा चन्द्रसेन के किले पर अपना आधिपत्य जमा लिया। कुछ समय के बाद मोहम्मद गौरी वहां से चला गया और राजा चन्द्रसेन का महल खंडहर होने लगा।
शहर के प्रमुख उद्योगपति अभिषेक मित्तल चंचल का कहना है कि मुगल शासक फिरोजशाह ने इसका नाम चन्द्रनगर से बदलकर फिरोजाबाद रख दिया। हमारी सरकार से मांग है कि फिरोजाबाद का नाम बदलकर चन्द्रनगर किया जाए और राजा चन्द्रसेन के खंडहर हो रहे महल को संरक्षित किया जाए। चन्द्रप्रकाश रावत का कहना है कि चन्द्रनगर में अभी भी कुछ अवशेष उस समय के मौजूद हैं। जिन्हें संरक्षित कर फिरोजाबाद का एक नया इतिहास लिखा जा सकता है।