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आज भी फिरोजाबाद में गंगा—जमुनी सभ्यता देखने को मिलती है। भले ही देश में पाकिस्तान और हिंदुस्तान को लेकर हिंदू—मुस्लिम होता हो लेकिन फिरोजाबाद के शहर टूंडला में सभी आपस में भाई हैं। यहां नवरात्रों में मुस्लिम परिवार मिलकर भंडारा कराते हैं। देवी दर्शनों को आने वाले लोगों को ठंडाई पिलाते हैं। वहीं ईद पर हिंदू भी शर्बत पिलाकर और उनके गले लगकर सलामती की दुआ करते हैं। यही कारण है कि ईदगाह के बाहर मुस्लिमों से अधिक हिंदू समाज के लोग बधाई देने के लिए पहुंचते हैं।
आज भी फिरोजाबाद में गंगा—जमुनी सभ्यता देखने को मिलती है। भले ही देश में पाकिस्तान और हिंदुस्तान को लेकर हिंदू—मुस्लिम होता हो लेकिन फिरोजाबाद के शहर टूंडला में सभी आपस में भाई हैं। यहां नवरात्रों में मुस्लिम परिवार मिलकर भंडारा कराते हैं। देवी दर्शनों को आने वाले लोगों को ठंडाई पिलाते हैं। वहीं ईद पर हिंदू भी शर्बत पिलाकर और उनके गले लगकर सलामती की दुआ करते हैं। यही कारण है कि ईदगाह के बाहर मुस्लिमों से अधिक हिंदू समाज के लोग बधाई देने के लिए पहुंचते हैं।
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जहां लोग हिंदू—मुस्लिम के नाम पर दंगा फैलाने का काम करते हैं। वहीं टूंडला नगर में मुस्लिम समाज के लोग ईद के मौके पर हिंदू समाज के लोगों को घर बुलाकर उनका आदर सत्कार करते हैं। यही नहीं उन्हें पकवान भी खिलाते हैं। यह कोई पहली बार नहीं हो रहा है। यहां हर वर्ष ऐसा होता है। इस नगर में तमाम मुस्लिम परिवार ऐसे हैं जो मीट खाने से परहेज करते हैं। उन्हें सात्विक भोजन ही पसंद है। ऐसे लोग जो जाति और धर्म के नाम पर एक दूसरे का खून बहाते हैं। उन्हें इन लोगों से सीख लेनी चाहिए।
जहां लोग हिंदू—मुस्लिम के नाम पर दंगा फैलाने का काम करते हैं। वहीं टूंडला नगर में मुस्लिम समाज के लोग ईद के मौके पर हिंदू समाज के लोगों को घर बुलाकर उनका आदर सत्कार करते हैं। यही नहीं उन्हें पकवान भी खिलाते हैं। यह कोई पहली बार नहीं हो रहा है। यहां हर वर्ष ऐसा होता है। इस नगर में तमाम मुस्लिम परिवार ऐसे हैं जो मीट खाने से परहेज करते हैं। उन्हें सात्विक भोजन ही पसंद है। ऐसे लोग जो जाति और धर्म के नाम पर एक दूसरे का खून बहाते हैं। उन्हें इन लोगों से सीख लेनी चाहिए।