नहीं मिल पा रहा योजना का लाभ मुख्यमंत्री शादी अनुदान योजना में नगर निगम प्रशासन की बेरूखी नगरीय क्षेत्र में रहने वाले गरीब व असहाय तबके की बेटियों पर भारी पड़ रही है। योजना के क्रियान्वयन में नगर निगम प्रशासन की अरूचि के चलते बेटियो को सरकारी सहायता नहीं मिल पा रही है। ग्रामीण व शहरी क्षेत्र की निवासी असहाय व गरीब बेटियों को शादी सम्पन्न कराने हेतु मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सरकारी सहायता दी जाती है। योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्रामीण क्षेत्र में जहा खंड स्तरीय अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। वहीं नगरीय क्षेत्र में योजना के क्रियान्वयन हेतु नगर निगम अथवा नगर पालिकाओं की जिम्मेदारी तय की गई।
समाज कल्याण विभाग है योजना का नोडल समाज कल्याण विभाग योजना का नोडल विभाग है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान नगर निगम को योजना के तहत 400 बेटियों का लक्ष्य तय करते हुए माह अप्रैल में लगभग 42 लाख 50 हजार की धनराशि योजना के तहत नोडल विभाग समाज कल्याण विभाग ने जारी की थी। वहीं सामूहिक विवाह आयोजन के जिए शासन ने 21 जुलाई व 23 जुलाई की तिथियां निर्धारित की थी। लेकिन ताजा स्थिति के अनुसार नगर निगम प्रशासन द्वारा शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष एक भी सामूहिक विवाह आयोजन की सूचना नोडल विभाग को उपलब्ध नहीं कराई है और योजना के तहत आए आवेदनों को समाज कल्याण विभाग को अग्रसरित नहीं किया गया है।
नहीं हो सकेंगे गरीबों की बेटियों के हाथ पीले ऐसे में सरकारी सहायता के सहारे बेटियों के हाथ पीले करने की आस में बैठे अभिभावकों के अरमानों पर पानी फिरने की आशंका है। नगर आयुक्त डा. जितेन्द्र कुमार का कहना है कि सामूहिक विवाह योजना के जुड़े कुछ आवेदन मिले है। जिसकी जांच कराई जा रही है। समाज कल्याण विभाग ने योजना से जुड़े आवेदन समय से उपलब्ध नहीं कराये।