थाना नारखी क्षेत्र के गांव गोथुआ में फर्जी एससी—एसटी एक्ट के तहत मुकदमे लिखे जाने से ग्रामीणों ने सोशल मीडिया पर अनोखा प्रचलन शुरू किया। उन्होंने दीवारों पर ‘यह मकान और खेती’ बिकाऊ है लिखकर पोस्ट को शेयर कर दिया। उसके बाद ही पुलिस महकमे में ह़ड़कंप मच गया। सीओ टूंडला अजय कुमार चौहान, थानाध्यक्ष नारखी बृजेश कुमार मौके पर पहुंचे। जहां ग्रामीणों ने बताया कि जाति विशेष के लोगों द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा है। वर्ष 2010 में उनके विरुद्ध एससी—एसटी एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज कराए गए और अब उनका गांव में रहना मुश्किल कर दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि अब तक 14 लोगों को इस फर्जी एक्ट के तहत फंसाया जा चुका है और अब गांव के नाबालिग बच्चों को भी फंसाने की तैयारी की जा रही है।
सीओ ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि कानूनी कार्रवाई जातिवाद देखकर नहीं की जाएगी। उन पर फर्जी एससी और एसटी एक्ट के तहत मुकदमे पंजीकृत नहीं कराया जाएगा। वह लोग दीवारों पर लिखे गए मकान और खेत बेचने की बात को मिटा दें, इस पर ग्रामीणों ने इंकार कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि किसी राजनीति व्यक्ति के आने के बाद ही वह इसे मिटाएंगे। पुलिस उनकी नहीं सुन रही है। इसलिए ही उन्होंने दीवारों पर लिखा है हमारा घर खरीदो, जमीन ख़रीदो, हमें नही रहना यहाँ।
गोथुआ गांव में दो जाति ठाकुर और जाटव समाज के लोगों के बीच विवाद चला आ रहा है। आए दिन दोनों पक्षों के बीच मारपीट की घटनाएं होती हैं। इसे लेकर ठाकुर समाज के लोगों ने दीवारों पर लिखकर मकान और खेत बेचने की बात अंकित की है। सीओ ने बताया कि जांच में ऐसा कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। एक भी व्यक्ति ने गांव से पलायन नहीं किया है।