इस विधानसभा में है दलितों की संख्या अधिक
टूंडला विधानसभा में सबसे अधिक दलित समाज के वोटर निवास करते हैं। वहीं इनके बाद यादव समाज का बोलबाला है। इस विधानसभा पर अधिकतर बसपा प्रत्याशी चुनाव जीते हैं। इसके बाद सपा और फिर भाजपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। बसपा से राकेश बाबू लगातार दो बार विधायक चुने गए थे। उनके बाद सपा के मोहनदेव शंखवार और भाजपा से शिव सिंह चक विधायक चुने गए।
टूंडला विधानसभा में सबसे अधिक दलित समाज के वोटर निवास करते हैं। वहीं इनके बाद यादव समाज का बोलबाला है। इस विधानसभा पर अधिकतर बसपा प्रत्याशी चुनाव जीते हैं। इसके बाद सपा और फिर भाजपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। बसपा से राकेश बाबू लगातार दो बार विधायक चुने गए थे। उनके बाद सपा के मोहनदेव शंखवार और भाजपा से शिव सिंह चक विधायक चुने गए।
मिलकर लड़ते तो होता लाभ
सपा—बसपा यदि गठबंधन पर चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें विधानसभा में काफी हद तक लाभ मिलेगा लेकिन इन दोनों के अलग—अलग चुनाव लड़ने पर भाजपा प्रत्याशी को लाभ हो सकता है। अब देखना होगा कि आगामी समय में किस प्रत्याशी की जीत होगी। गठबंधन टूटने का सबसे अधिक लाभ भाजपा को मिलेगा।
सपा—बसपा यदि गठबंधन पर चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें विधानसभा में काफी हद तक लाभ मिलेगा लेकिन इन दोनों के अलग—अलग चुनाव लड़ने पर भाजपा प्रत्याशी को लाभ हो सकता है। अब देखना होगा कि आगामी समय में किस प्रत्याशी की जीत होगी। गठबंधन टूटने का सबसे अधिक लाभ भाजपा को मिलेगा।