तलाशा जा रहा है रास्ता
जानकारी के अनुसार मंदिर प्रशासन की ओर से लॉकडाउन से कर्मचारियों के वेतन और पेंशन देने में 300 करोड़ रुपए खर्च कर दिए हैं। इन रुपयों से कुछ अन्य जरूरी सामानों की खरीदारी की गई थी। वैसे मंदिर के नाम पर रिजर्व के तौर पर 8 टन सोना और 1400 करोड़ रुपए का फिक्स्ड डिपोजिट है, लेकिन मंदिर प्रशासन इसे हाथ नहीं लगाना चाहता है। इस आर्थिक संकट से उबरने के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से दूसरा रास्ता तलाश रहे हैं। मंदिर के चेयरमैन वाईवी सुब्बारेड्डी के अनुसार हर माह एक निश्चित तय खर्च है। जिसमें वेतन, पेंशन से लेकर जरूरी सामानों की खरीदारी है।
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हर महीने 200 करोड़ रुपए की कमाई
चेयरमैन के अनुसार मंदिर की हर महीने की औसतन आय 200 से 220 करोड़ रुपए के आसपास है। लॉकडाउन की वजह से मंदिर के राजस्व में गिरावट आ गई। जानकारी के अनुसार सामान्य दिनों में मंदिरों में आने वाले लोगों की संख्या करीब एक लाख है। त्योहारों के दिनों में श्रद्घालुओं की संख्या में और भी इजाफा हो जाता है। जानकारी के अनुसार तिरुपति मंदिर ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 3,309 करोड़ रुपए का बजट रखा था। 20 मार्च से मंदिर बंद है। जिसकी वजह से हंडी कलेक्शन में मंदिर को 150 से 175 करोड़ का नुकसान हुआ है। उठाना पड़ा है। मंदिर के कर्मचारियों के लिए वित्त वर्ष 2020-21 में 1385 करोड़ रुपए तय किए थे।