क्या है ये योजना
पीएम-वाणी योजना से देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में भी तेज स्पीड इंटरनेट उपलब्ध होगा। इसमें पब्लिक डेटा ऑफिस, पब्लिक डेटा एग्रीगेटर और ऐप प्रोवाइडर मुख्य रूप से काम करेंगे। पब्लिक डेटा ऑफिस पीडीओ के लिए किसी तरह के लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन और फीस की जरूरत नहीं होगी। मोबाइल फोन में इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए वाई-फाई सेवा मुहैया कराने का काम करेंगे। पीडीओ ऑफिस कोई भी व्यक्ति खोल सकता है। इसको चलाने के लिए वह किसी भी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर या कंपनी से ये सुविधा ले सकता है। इस योजना के जरिए देश में वाई—फाई क्रांति आएगी।
पीएम-वाणी योजना से देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में भी तेज स्पीड इंटरनेट उपलब्ध होगा। इसमें पब्लिक डेटा ऑफिस, पब्लिक डेटा एग्रीगेटर और ऐप प्रोवाइडर मुख्य रूप से काम करेंगे। पब्लिक डेटा ऑफिस पीडीओ के लिए किसी तरह के लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन और फीस की जरूरत नहीं होगी। मोबाइल फोन में इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए वाई-फाई सेवा मुहैया कराने का काम करेंगे। पीडीओ ऑफिस कोई भी व्यक्ति खोल सकता है। इसको चलाने के लिए वह किसी भी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर या कंपनी से ये सुविधा ले सकता है। इस योजना के जरिए देश में वाई—फाई क्रांति आएगी।
कैसे काम करेगा पीडीओ
पीडीओ से आप वाई-फाई ले सकते हैं। जिससे आप आसानी से कहीं भी इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे। देश में कोई भी कंपनी, सोसाइटी, दुकानदार पब्लिक वाई-फाई एक्सिस प्वाइंट बना सकता हैं। जिससे लाखों लोगों तक वाई-फाई, हॉट-स्पॉट की सुविधा मिल सकेगी। इससे शिक्षा, स्वास्थ और व्यवसाय में अवसर बढ़ेंगे। साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों में रोज़गार की संभावनाओं का विकास होगा। इस व्यवस्था में सामाजस्य बनाकर रखने के लिए पब्लिक डेटा एग्रीगेटर की अहम भूमिका होगी। पब्लिक डेटा ऑफिस यानि पीडीओ के अकाउंट की निगरानी एग्रीगेटर करेगा। उसे सरकार 7 दिन के अंदर लाइसेंस देगी। दरअसल रजिस्ट्रेशन को ही लाइसेंस माना जाएगा।
पीडीओ से आप वाई-फाई ले सकते हैं। जिससे आप आसानी से कहीं भी इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे। देश में कोई भी कंपनी, सोसाइटी, दुकानदार पब्लिक वाई-फाई एक्सिस प्वाइंट बना सकता हैं। जिससे लाखों लोगों तक वाई-फाई, हॉट-स्पॉट की सुविधा मिल सकेगी। इससे शिक्षा, स्वास्थ और व्यवसाय में अवसर बढ़ेंगे। साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों में रोज़गार की संभावनाओं का विकास होगा। इस व्यवस्था में सामाजस्य बनाकर रखने के लिए पब्लिक डेटा एग्रीगेटर की अहम भूमिका होगी। पब्लिक डेटा ऑफिस यानि पीडीओ के अकाउंट की निगरानी एग्रीगेटर करेगा। उसे सरकार 7 दिन के अंदर लाइसेंस देगी। दरअसल रजिस्ट्रेशन को ही लाइसेंस माना जाएगा।