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Bank Merger के 2 महीने बाद हो रही है अकाउंट और IFSC नंबर बदलने की तैयारी, जानें पूरा मामला

Bank Merger के बाद बदल रहा है अकाउंट नंबर
2 महीने पहले हुआ है बैंको का विलय
नौकरी पर नहीं पड़ेगाकोई असर

May 26, 2020 / 12:01 pm

Pragati Bajpai

bank merger

नई दिल्ली: 1 अप्रैल को 10 सरकारी बैंकों का विलय हो गया और इनकी जगह 4 बैंक काम करने लगे। बैंको के मर्जर के तहत 10 सरकारी बैंकों को मर्जर ( विलय ) कर 4 बैंक बनाये गए। इस तरह मर्जर के बाद देश में कुल सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह गई। उस वक्त बहुत बातें हुई कि मर्जर के बाद बैंक के खाताधारकों पर क्या असर पड़ेगा , बैंको की कार्य पद्ति कितना प्रभावित होगी । लेकिन लॉकडाउन के चलते तुरंत ऐसा कुछ भी नहीं हुआ ।

अब आज 2 महीने बाद खबर है कि जल्द ही इन बैंकों के अकाउंट नंबर और IFSC कोड बदल जाएंगे। नए डिटेल्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) आदि में अपडेट करवाने होंगे। इसीलिए आज हम आपको बताएंगे कि बैंको के मर्जर से आपके और हमारे जैसे इन बैंक के खाताधारकों पर क्या असर पड़ सकता है।

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इन बैंको का हुआ विलय- पंजाब नेशनल बैंक ( punjab naional bank ), ओरियेंटल बैंक ऑफ , यूनाइटेड बैंक, केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक, यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कार्पोरेशन बैंक, इंडियन बैंक, इलाहाबाद बैंक ( allahabad bank ) इस विलय प्रक्रिया में शामिल हैं। इस मर्जर के तहत पंजाब नेशनल बैंक, ओरियेंटल बैंक ऑफ, यूनाइटेड बैंक का एक में विलय कर दिया जाएगा जिसके बाद पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) पब्लिक सेक्टर का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। इस विलय के बाद देश में सात बड़े आकार के बैंक होंगे जिनका कारोबार 8 लाख करोड़ रुपए से अधिक का होगा।

खाताधारकों ( account holder ) पर कैसा होगा असर-

खाताधारकों को बैंक जाकर अपनी पासबुक को बदलवाना होगा। हालांकि बैंक से जुड़े आपके काम नहीं रुकेंगे लेकिन पासबुक बदलवाना ज़रूरी होगा।

ब्रांच में भी होगा परिवर्तन-

अगर किसी इलाके में एक बैंक की ज्यादा शाखाएं थी तो हो सकता है उनमें से कुछ को बंद कर दिया जाए। या वो दूसरी बैंक की शाखा के रूप में काम करने लगे।

डेबिट कार्ड ( debit card )-क्रेडिट कार्ड ( credit card ) fd पर नहीं पड़ेगा असर-

बैंको के मर्जर से पहले से इश्यू हो चुके एटीएम और क्रेडिट कार्ड ( credit card ) पहले की तरह काम करते रहेंगें। यहां तक की पहले से बन चुकी बैंक fds पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन नए इश्यू होने पर नए नियम लागू होंगे।

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