क्या है स्वाधार गृह योजना
ऐसी महिलाएं जिन्हें दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा एवं अन्य किसी कारण से घर से निकाल दिया गया हो। उनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं है या शारीरिक रूप से अक्षम हैं, ऐसी आश्रयहीन महिलाओं को आश्रय देने के मकसद से इस योजना को शुरू किया गया था। इस स्कीम में महिलाओं के रहने समेत उनके खाने और कपड़ों समेत अन्य जरूरी चीजों को मुहैया कराया जाता है।
ऐसी महिलाएं जिन्हें दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा एवं अन्य किसी कारण से घर से निकाल दिया गया हो। उनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं है या शारीरिक रूप से अक्षम हैं, ऐसी आश्रयहीन महिलाओं को आश्रय देने के मकसद से इस योजना को शुरू किया गया था। इस स्कीम में महिलाओं के रहने समेत उनके खाने और कपड़ों समेत अन्य जरूरी चीजों को मुहैया कराया जाता है।
योजना का मकसद
आश्रयहीन महिलाओं को सहारा देने एवं उन्हें भावनात्मक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए ये स्कीम काफी कारगर है। इस योजना में महिलाओं को उनके परिवार में लौटने के लिए कानूनी मदद भी उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने और उनका आत्मसम्मान लौटाकर उन्हें समाज में रहने के लिए सक्षम बनाया जाता है।
आश्रयहीन महिलाओं को सहारा देने एवं उन्हें भावनात्मक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए ये स्कीम काफी कारगर है। इस योजना में महिलाओं को उनके परिवार में लौटने के लिए कानूनी मदद भी उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने और उनका आत्मसम्मान लौटाकर उन्हें समाज में रहने के लिए सक्षम बनाया जाता है।
योजना के लिए पात्रता
इस योजना के तहत ऐसी महिलाएं जो सामाजिक रूप से बहिष्कृत और आर्थिक रूप से कमजोर हैं, जिन्हें परिवार ने खुद से अलग कर दिया गया हो, आपदा से पीड़ित हो, किसी अपराध के लिए जेल से सजा पूरी कर लौटी हो, लेकिन उनके पास रहने या कुछ करने के लिए न हो, वेश्यावृति और मानव तस्करी की शिकार, एचआईवी से पीड़ित एवं घरेलू हिंसा आदि से पीड़ित हो, ऐसी महिलाओं को स्वाधार गृह योजना का लाभ मिल सकता है।
इस योजना के तहत ऐसी महिलाएं जो सामाजिक रूप से बहिष्कृत और आर्थिक रूप से कमजोर हैं, जिन्हें परिवार ने खुद से अलग कर दिया गया हो, आपदा से पीड़ित हो, किसी अपराध के लिए जेल से सजा पूरी कर लौटी हो, लेकिन उनके पास रहने या कुछ करने के लिए न हो, वेश्यावृति और मानव तस्करी की शिकार, एचआईवी से पीड़ित एवं घरेलू हिंसा आदि से पीड़ित हो, ऐसी महिलाओं को स्वाधार गृह योजना का लाभ मिल सकता है।
इससे होने वाले फायदे
स्वाधार गृह योजना के तहत घरेलू हिंसा से पीड़ित महिला को एक साल तक हॉस्टल में रहने की अनुमति दी जाती है। अगर उनकी समस्या ज्यादा है तो इसे तीन श्रेणियों में बांटा गया है। 55 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं 60 वर्ष तक स्वाधार गृह में रह सकती हैं, उसके बाद उन्हें वृद्धा आश्रम भेज दिया जाता है। यदि महिला की संतानों में पुत्रियां भी हैं, तो पुत्री 18 वर्ष की उम्र पूरी करने तक मां के साथ रह सकती है। यदि पुत्र है तो वह 12 वर्ष की उम्र पूरी करने तक मां के साथ रह सकता है। इसके अलावा उनके रहने के लिए अस्थायी निवास, खाने—पीने की व्यवस्था एवं मेडिकल सुविधा भी मुहैया कराई जाती है।
स्वाधार गृह योजना के तहत घरेलू हिंसा से पीड़ित महिला को एक साल तक हॉस्टल में रहने की अनुमति दी जाती है। अगर उनकी समस्या ज्यादा है तो इसे तीन श्रेणियों में बांटा गया है। 55 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं 60 वर्ष तक स्वाधार गृह में रह सकती हैं, उसके बाद उन्हें वृद्धा आश्रम भेज दिया जाता है। यदि महिला की संतानों में पुत्रियां भी हैं, तो पुत्री 18 वर्ष की उम्र पूरी करने तक मां के साथ रह सकती है। यदि पुत्र है तो वह 12 वर्ष की उम्र पूरी करने तक मां के साथ रह सकता है। इसके अलावा उनके रहने के लिए अस्थायी निवास, खाने—पीने की व्यवस्था एवं मेडिकल सुविधा भी मुहैया कराई जाती है।