क्या है स्टार्टअप्स की चिंता?
देश में स्टार्टअप्स की चिंता है एंजेल टैक्स। अगर कोई स्टार्टअप एंजेल इंवेस्टर्स से फंड जुटाता है और यह फंडिंग शेयर की फेयर वैल्यू से ज्यादा पर होती है तो इस पर टैक्स लगाया जा सकता है। इसे ही एंजेल टैक्स कहते हैं। एंजेल इंवेस्टर्स स्टार्टअप शुरु करने वाले के परिवार और मित्रों के साथ ही विदेशी इंवेस्टर्स भी हो सकते हैं।
क्या है स्टार्टअप्स की गुहार?
देश के स्टार्टअप्स ने हाल ही में वित्त मंत्रालय से एंजेल टैक्स को खत्म करने या इसे कम करने की मांग की है। एंजेल टैक्स पर फिलहाल लिमिट 25 करोड़ रुपये तक है। स्टार्टअप्स का मानना है कि सभी स्टार्टअप्स इस लिमिट को पूरा नहीं कर सकते, जिससे उन्हें फंडिंग की समस्या से जूझना पड़ता है। यह टैक्स तब नहीं लगाया जाता है जब तक किसी स्टार्टअप का इंवेस्टमेंट 25 करोड़ रुपये से ज़्यादा न हो। ऐसे में स्टार्टअप्स इस टैक्स को खत्म करने या इसे कम करने की गुहार लगा रहे हैं।
सरकार ने मांगा
इनपुट एंजेल टैक्स के बारे में अभी सरकार और वित्त मंत्रालय बेनिफिशरीज़ और स्टेकहोल्डर्स से इनपुट मांग रहे हैं। ऐसे में अगले कुछ दिनों में सरकार की तरफ से एंजेल टैक्स पर डिटेल में नया अपडेट सामने आ सकता है।
क्यों ज़रूरी है एंजेल टैक्स?
स्टार्टअप्स में मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए एंजेल टैक्स ज़रूरी है। इसके साथ ही अनलिस्टेड और अनजान स्टार्टअप्स में इंवेस्टमेंट के ज़रिए काले धन को सफेद करने की कोशिश को रोकने के लिए भी एंजेल टैक्स ज़रूरी है।