बता दें कि केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी ( Coronavirus ) के चलते जमाकर्ताओं को फिक्स्ड डिपॉजिट ( FD ) पर देय ब्याज पर टीडीएस को लेकर राहत दी थी। लेकिन, अब 15G और 15H फॉर्म जमा नहीं कराया तो TDS कटेगा। आयकर विभाग ने इस फॉर्म को भरने की अवधि 7 जुलाई तक बढ़ा दी। बता दें कि एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस से राहत के लिए दोनों फार्म भरने जरूरी होते हैं।
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10 फीसदी टीडीएस कटेगा
आयकर विभाग के अनुसार, 15G और 15H फॉर्म जमा कराना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर बैंक ब्याज की रकम पर 10 फीसदी टीडीएस काट लेता है। इससे बचने के लिए जमाकर्ता को फॉर्म 15G या फॉर्म 15H भरकर यह बताना होता है कि उनकी आय टैक्स योग्य सीमा से कम है। फॉर्म 15G या 15H ( वरिष्ठ नागरिकों के लिए ) जमा कर ब्याज या किराये जैसी आमदनी पर TDS से बचा जा सकता है।
किसे जमा करना होता है फॉर्म?
बता दें कि 15G फॉर्म को 60 साल से कम उम्र के भारतीय नागरिक, HUF या ट्रस्ट कर जमा कर सकते हैं। वहीं, फॉर्म 15H 60 साल से ज्यादा की उम्र के लोग जमा कर सकते हैं। आपको बता दें कि दोनों फॉर्म की अवधि एक साल के लिए होती है। इन्हें हर साल जमा कराना अनिवार्य होता है।
टैक्स कटने पर कैसे होगा रिफंड?
फॉर्म 15G या 15H के जमा करने में देरी के कारण ब्याज पर TDS काट लिया जाता है, जिसके रिफंड के लिए इनकम टैक्स रिफंड फाइल की जाती है।