गुरुवार को राज्यसभा में पेश किए गए आर्थिक सर्वे में ऐसा प्रस्ताव रखा गया है। अगर भारत ऐसा करने में कामयाब रहता है तो जर्मनी, अमरीका, ब्रिटेन, चीन और जापान की कतार में खड़ा हो जाएगा।
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अग्रिम योजना बनाने में सरकार को मिलेगी मदद
संसद में आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में महिला एवं पुरुषों की उम्र एक्सपेंटेसी रेट लगातार बढ़ रह है। कई दूसरे देशों में भी अनुभव के आधार पर पुरुषों औश्र महिलाओं की रिटायरमेंट को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा। रिपोर्ट में कहा गया कि इससे पेंशन सिस्टम की व्यवहारिकत बढ़ेगी और महिला श्रम बल के पुराने आयु समूह में पेंशन की भागीदारी भी बढ़ सकेगी। सरकार का कहना है कि इससे पेंशन और रिटायरमेंट प्रावधानों की अग्रिम योजना में भी मदद मिलेगी।
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कई देशों में बढ़ाया जा चुका है रिटायरमेंट की उम्र
बताते चलें कि जनसंख्या में और पेंशन फंडिंग के बढ़ते दबाव से निपटने के लिए कई देश पेंशन योग्य रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। जर्मनी, फ्रांस और अमेरिका जैसे देशों ने रिटायरमेंट उम्र को बढ़ा दिया है। कुछ देशों में तो महिलाओं की रिटायरमेंट पुरुषों की तुलना में कम होता था। लेकिन, अब इन देशों में भी इस बढ़ाकर पुरुषों के बराबर करने पर विचार किया जा रहा है। इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया कि कनाडा, जर्मनी, यूके और अमरीका जैसे विकसित देशों में प्री-सेट टाइमलाइन के अनुसार रिटायरमेंट उम्र को बढ़ाते रहने के संकेत दिए हैं। उदाहरण के लिए यूके में 2020 तक राज्य पेंशन उम्र पुरुषों और महिलाओं के लिए 66 वर्ष हो जाएगी। आगे यूके सरकार 26-28 में 67 और 2044-46 में 68 वर्ष करने की योजना बना रही है।