यह भी पढ़ेंः- करोड़ों लोगों के लिए मसीहा बना बना डाक विभाग, इस तरह बचा रहा है जिंदगी
निफ्टी में फाइनेंशियन सर्विस 36 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी
जानकारी के अनुसार निफ्टी में फाइनेंशियल सर्विसेज की हिस्सेदारी 36.51 फीसदी है। जिसका एक बड़ा हिस्सा बैंकिंग सेक्टर का है। आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च तक फाइनेंशियल सर्विसेज में लार्ज कैप का ऐलोकेशन 32.91 फीसदी देखने को मिला है। मिडकैप फंड्स का एलोकेशेन 17 फीसदी देखने को मिला है। वहीं म्यूचुअल फंड इंवेस्टर्स का एक बड़ा हिस्सा बैंकिंग सेक्टर से देखने को मिलता है।
यह भी पढ़ेंः- सालाना 27 हजार रुपए के प्रीमियम के आपके जीवन में आनंद भर देगी एलआईसी की पॉलिसी
कुछ ऐसा देखने को मिलेगा आरबीआई के फैसले का असर
आरबीआई ने डिविडेंड पर जो रोक लगाई है, उस पर जानकारों का एक मत नहीं है। जानकारों की मानें तो बैंकों की वैल्यू प्राइस टू बुक पर आधारित होती है। ऐसे में डिविडेंड ना देने पर यह न्यूट्रल रहेगा, क्योंकि बुक वैल्यू में भी इजाफा होता रहेगा। आसान शब्दों में कहें तो अगर अंशधारकों को डिविडेंड नहीं मिलता है तो यह बैंकों के बैलेंसशीट में ही मौजूद रहेगा और बैंक के शेयरों की कीमतों में असर देखने को मिलेगा।
यह भी पढ़ेंः- पूरे देश का पेट भरने में जुटी हैं रेलवे की ‘स्पेशल 25’ अन्नापूर्णा ट्रेन
मार्च में बैंक निफ्टी का डिविडेंड यील्ड
अगर बात प्राइवेट बैंकों के डिविडेंड यील्ड की बात करें तो ज्यादा देखने को नहीं मिलता है। वहीं दूसरी ओर सरकारी बैंकों और कंपनियों का डिविडेंड यील्ड ज्यादा देखने को मिलता है। मतलब साफ है कि आरबीआई की ओर से उठाया गया फैसला एहतियातन है। इससे पूंजीगत बचत की जा सकेगी। जानकारी के अनुसार 31 मार्च तक निफ्टी बैंक इंडेक्स में डिविडेंड यील्ड यह मात्र 0.51 फीसदी ही देखने को मिला है।
यह भी पढ़ेंः- जॉब जाने और सैलरी कटने की रिपोर्ट बनाकर पीएम मोदी को देगी लेबर मिनिस्ट्री
ज्यादा चिंता की बात नहीं
आपको बता दें कि प्रति शेयर डिविडेंड को एक शेयर की प्राइस से भाग देने के बाद अंक प्राप्त होता है, उसे डिविडेंड यील्ड कहा जाता है। जानकारों की मानें तो म्यूचुअल फंड इंवेस्टर्स को आरबीआई के इस फैसले से अधिक चिंता करने की जरुरत नहीं है। उच्च क्वालिटी के बैंकिंग स्टॉक्स पर इसको अधिक असर नहीं देखने को मिलेगा। वहीं जानकारी का यह भी कहना है कि निवेशकों को अब बैंकिग स्टॉक्स चुनने में और ज्यादा सावधानी बरतनी होगी।