बैठक में सीतारमण ने दी जानकारी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजटीय प्रावधानों पर हुई बैठक के बाद दास ने कहा, आने वाले दिनों में नीतिगत ब्याज दरों में और कटौती की उम्मीद है। इसके दो कारण हैं। पहला – RBI ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) की फंड की कमी को दूर करने के लिए काफी कुछ किया है और अब पूरे बैंकिंग सेक्टर में कर्ज देने के लिए पर्याप्त फंड है। दूसरा – RBI की तरफ से रेपो रेट घटाने का फायदा तेजी से बैंक ग्राहकों को देने लगे हैं। बता दें, रेपो रेट की वह दर से जिसके आधार पर होम लोन, आटो लोन आदि की दरें तय होती हैं।
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सरकार ने बजट में किए कई बड़े ऐलान
ब्याज की दरों में कटौती का एक बड़ा कारण यह भी है कि बैंकिंग सिस्टम देश की जनता में बैंकिंग की आदत को बढ़ाएगा और इसके साथ ही लोन देने से बैंक का ही फायदा होता है। इसके साथ ही NBFC की दिक्कतों को दूर करने में भी काफी कुछ किया जा रहा है। इसके अलावा बजट में NBFC की समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने कई प्लान बनाए हैं।
RBI जल्द करेगा नए नियमों की घोषणा
दास ने बताया कि NBFC और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के नियमन का अधिकार RBI को मिला है। अब RBI इस बारे में सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए नए नियमों की घोषणा करेगा। उन्होंने बताया कि हाल के महीनों में NBFC की जो कुछ समस्याएं सामने आई हैं उसे देखते हुए केंद्रीय बैंक ने बड़ी NBFC की काफी करीबी निगरानी की जा रही है।
महंगाई पर नहीं पड़ेगा असर
बजट पेश होने के बाद आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड के सदस्यों के साथ बैठक करने के बाद दास ने बताया कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होने का असर महंगाई दर पर पड़ने में समय लगता है। उन्होंने बताया कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों का महंगाई पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा अगस्त के पहले सप्ताह में होने वाली केंद्रीय बैंक की मौद्रिक समिति की बैठक में होगी।
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