बोर्ड ने दी मंजूरी
रेगुलेटरी फाइलिंग में पीएनबी ने बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी है। बोर्ड की ओर से की गई बैठक के बाद सभी लोगों ने विलय पर अपने विचार व्यक्त किए। बैंकों के विलय से देश में बैंकिंग सुविधाओं में सुधार होगा। इसके साथ ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा लोन भी मिल पाएगा।
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18 हजार करोड़ रुपए को दी मंजूरी
इसके अलावा पीएनबी बोर्ड ने सरकार की ओर से बैंक को दिए जाने वाले 18 हजार करोड़ रुपए को भी मंजूरी दे दी है। बैंक बोर्ड ने कहा इस राशि से बैंकों के मर्जर में काफी सहायता मिलेगी। इसके साथ ही पूंजी का इस्तेमाल सेबी के नियमों के अनुसार बैंक के इक्विटी शेयरों के अलॉटमेंट के लिए किया जाएगा।
बैंकों के एनपीए में आएगी गिरावट
पीएनबी ने जानकारी देते हुए बताया कि शेयरधारकों की सहमति लेने के लिए एकस्ट्रा जनरल मीटिंग (ईजीएम) 22 अक्टूबर को बुलाई जाएगी। इस बैठक में शेयरधारकों का विचार भी लिया जाएगा। सरकार के इस प्रस्ताव से बैंकों के एनपीए में भी काफी गिरावट आएगी। इस साल भी बैंकों के एनपीए में गिरावट देखी गई है।
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नहीं हुआ तारीखों का ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के 10 सरकारी बैंकों के मर्जर की घोषणा की है। सीतारमण के इस ऐलान के बाद देश में सिर्फ 12 सरकारी बैंक रह जाएंगे। बैंकों के मर्जर का सबसे ज्यादा असर खाताधारकों पर होगा। बता दें पीएनबी में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का, केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का एवं इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का विलय किया जाना है। फिलहाल बैंकों के मर्जर की तारीखों को लेकर अभी तक कोई एलान नहीं किया गया हैं। जल्द ही बैंकों की तारीखों का एलान भी कर दिया जाएगा।